पटना(PATNA): बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र का तीसरा दिन भी भारी हंगामे और विपक्ष के विरोध-प्रदर्शन के नाम रहा. सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही महागठबंधन के सभी विधायक काले कपड़ों में विधानसभा परिसर के बाहर प्रदर्शन करते नजर आए. विरोध का मुख्य मुद्दा चुनाव आयोग द्वारा राज्य में चलाए जा रहे ‘SIR’ (विशेष पुनरीक्षण) अभियान को लेकर था, जिसके तहत 52 लाख मतदाताओं के नाम हटाए जाने का आरोप है.
शकील अहमद खान ने चुनाव आयोग को बताया भाजपा का एजेंट
कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने मीडिया से कहा कि आयोग ने जानबूझकर गरीब, पिछड़े, अति पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए है. उन्होंने चुनाव आयोग को भाजपा का एजेंट बताते हुए कहा कि यह लोकतंत्र के खिलाफ साजिश है और इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
भाजपा वंचित तबकों के वोट काटकर सत्ता पर काबिज होना चाहती है-अजय कुमार
सीपीआई विधायक अजय कुमार ने भी इस फैसले को लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ बताया.उन्होंने कहा कि पिछली बार वे मात्र 12,000 वोटों से पीछे रह गए थे और इस बार भाजपा पूरे तरीके से वंचित तबकों के वोट काटकर सत्ता पर काबिज होना चाहती है.विपक्ष ने ऐलान किया कि जब तक विधानसभा अध्यक्ष इस मुद्दे पर चर्चा नहीं करते, तब तक सदन की कार्यवाही को नहीं चलने देंगे. उन्होंने कहा कि यह लड़ाई अब आर-पार की हो चुकी है और उनका धरना व प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा.
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