टीएनपी डेस्क(TNP DESK) : ऋद्धिमान साहा और टॉक शो होस्ट बोरिया मजूमदार के बीच इंटरव्यू को लेकर जारी विवाद पर बीसीसीआई ने बोरिया मजूमदार को दोषी पाया है. बीसीसीआई की ओर से बोरिया मजूमदार पर दो साल का प्रतिबंध लगाने की संभावना है. बीसीसीआई की तीन सदस्यीय समिति ने जांच करते हुए मजूमदार पर एक इंटरव्यू के लिए भारत के विकेटकीपर रिद्धिमान साहा को डराने का दोषी पाया है.

बीसीसीआई के एक अधिकारी ने अनाधिकारिक तौर पर बताया कि बीसीसीआई द्वारा भारतीय क्रिकेट बोर्ड की सभी राज्य इकाइयों को मजूमदार को स्टेडियम के अंदर नहीं जाने देने के लिए सूचित किया जाएगा. उन्हें घरेलू मैचों के लिए मीडिया मान्यता नहीं दी जाएगी और उन्हें ब्लैकलिस्ट करने के लिए बीसीसीआई आईसीसी को भी पत्र लिखेगी. साथ ही खिलाड़ियों को उनके साथ किसी भी प्रकार कोई काम करने के लिए मनाही होगी.

साहा ने ट्वीटर पर किया था पोस्ट

बता दें कि यह मुद्दा इस साल 19 फरवरी को सामने आया था, जब बंगाल के 37 वर्षीय विकेटकीपर ने एक ट्विटर पोस्ट साझा किया, जिसमें कहा गया था कि भारतीय क्रिकेट में मेरे सभी योगदानों के बाद, पत्रकार ऐसे बात कर रहे हैं, यहीं से पत्रकारिता चली गई है. साहा ने मजूमदार के साथ अपने मैसेज के स्क्रीनशॉट भी साझा किए थे. उनमें से एक मैसेज में मजूमदार ने साहा को लिखा था कि तुमने फोन नहीं किया, मैं फिर कभी आपका इंटरव्यू नहीं करूंगा. मैं अपमान को सहजता से नहीं लेता और मुझे यह याद रहेगा. साहा द्वारा इस पोस्ट के शेयर करने के बाद क्रिकेट बिरादरी से उन्हें काफी समर्थन मिला.

पोस्ट के बाद बीसीसीआई ने लिया संज्ञान

इसके बाद बीसीसीआई ने सोशल मीडिया पोस्ट का संज्ञान लेते हुए साहा के आरोपों की जांच के लिए उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला, कोषाध्यक्ष अरुण धूमल और शीर्ष परिषद सदस्य प्रभातेज भाटिया की एक समिति गठित की. समिति के समक्ष अपना बयान देते हुए साहा ने मजूमदार की पहचान की और आरोप लगाया कि उन्हें एक इंटरव्यू के लिए धमकाया गया था. इस बीच, मजूमदार ने क्रिकेटर पर ट्विटर पर पोस्ट किए गए व्हाट्सएप संदेशों के स्क्रीनशॉट को डॉक्टरिंग करने का आरोप लगाया और बाद में समिति के साथ साझा किया.