टीएनपी डेस्क(TNP DESK): बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को अध्यक्ष, सचिव सहित अन्य पदाधिकारियों के लिए कूलिंग-ऑफ अवधि से संबंधित अपने संविधान में संशोधन करने की अनुमति दे दी. इस संशोधन से बोर्ड अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह का बीसीसीआई में लंबा कार्यकाल हो सकता है.
सुप्रीम कोर्ट अध्यक्ष, सचिव और अन्य पदाधिकारियों के लिए "कूलिंग ऑफ" अवधि से संबंधित बीसीसीआई के नियमों को बदलने के मामले की सुनवाई कर रहा था. न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हेमा कोहली की पीठ ने बीसीसीआई को अपने संविधान में संशोधन करने की अनुमति दी. पीठ ने कहा कि हमारा विचार है कि संशोधन मूल उद्देश्य को कमजोर नहीं करेगा. हम प्रस्तावित संशोधन को स्वीकार करते हैं. इसमें कहा गया कि बीसीसीआई द्वारा प्रस्तावित संशोधन हमारे मूल फैसले की भावना से अलग नहीं है और इसे स्वीकार किया जाता है.
2020 में बीसीसीआई ने दायर की थी याचिका
बीसीसीआई ने अध्यक्ष, सचिव और अन्य पदाधिकारियों के लिए 'कूलिंग ऑफ' अवधि से संबंधित नियमों में बदलाव की अनुमति मांगी थी. इसके लिए बोर्ड की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. याचिका में बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह का कार्यकाल बढ़ाने का निर्देश देने की भी मांग की गई थी. यह याचिका 2020 में दायर की गई थी. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने पहले सुप्रीम कोर्ट का रुख कर बोर्ड के संविधान के छह नियमों में संशोधन की मंजूरी के लिए एक याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की थी.
सौरव गांगुली और जय शाह का सितंबर में समाप्त होने वाला है कार्यकाल
बता दें कि बीसीसीआई अध्यक्ष के रूप में सौरव गांगुली और बीसीसीआई सचिव के रूप में जय शाह का कार्यकाल सितंबर 2022 में समाप्त होने वाला है. 2019 में, बीसीसीआई की आम सभा ने 1 दिसंबर, 2019 को एक एजीएम के दौरान छह संशोधनों का प्रस्ताव रखा, जिसमें संविधान के नियम 6 में से एक शामिल है, जिसने बीसीसीआई और राज्य बोर्ड के पदाधिकारियों को लगातार छह वर्षों से अधिक समय तक पद धारण करने से रोक दिया था. मौजूदा नियमों के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जो बीसीसीआई या राज्य क्रिकेट निकाय या किसी भी संयोजन में पदाधिकारी रहा है, उसे कार्यालय में अधिकतम छह साल के कार्यकाल के बाद अनिवार्य रूप से 3 साल की "कूलिंग ऑफ अवधि" से गुजरना पड़ता है.
इस अवधि के दौरान, वे किसी राज्य निकाय या बीसीसीआई में पद धारण नहीं कर सकते हैं. यह प्रभावी रूप से बीसीसीआई के वर्तमान पदाधिकारियों को अगले तीन वर्षों के लिए बीसीसीआई या किसी भी राज्य बोर्ड में किसी भी पद पर रहने से रोक देता है. बीसीसीआई में अपनी नियुक्ति से पहले, गांगुली ने 2014 से बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन (सीएबी) के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया था, जबकि जय शाह 2013 से गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन (जीसीए) में एक पदाधिकारी थे.
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