टीएनपी डेस्क(TNP DESK): किसी की जिंदगी का कोई भरोसा नहीं है कब किसकी मौत हो जाए यह किसी को नहीं पता, यह बस भगवान के हाथों में है. इंसान की जिंदगी पूरी तरह से अनिश्चिताओं से भरी हुई है. कभी भी किसी को कुछ भी हो सकता है. इस तरह की अनचाही परिस्थितियों से बचने के लिए लोग अपने परिवार के समर्थन के लिए और आर्थिक सहायता देने के लिए तैयार रहते है, और लाइफ इंश्योरेंस करवाते है ताकि उनके मरने के बाद उनके परिवार को पैसे की तंगी से ना गुजरना पड़े. मृत्यु के बाद बीमा कंपनी मृतक के परिजनों को अर्थिक सहायता देती है. बहुत से लोग लाइव टर्म इंश्योंरेंस करवाते है ताकि अगर किसी दुर्घटना में उनकी जान चली जाए तो फिर ऐसे में परिवार को आर्थिक सहायता मिल जाये.

नदी में शव बहने से इन्श्योरेंस क्लेम करना हो जाता है मुश्किल

वहीं लाइफ इंश्योरेंस को लेकर कई सवाल भी है जिसका जवाब सभी के पास नहीं होता. कभी-कभार किसी की मृत्यु ऐसे हादसों में होती है, जिसके बाद उनका शव बरामद नहीं हो पाता है.जैसे किसी की नदी में गिरने से मौत होती है, तो लाश बह जाता है और फिर वो नहीं मिल पाता है. ऐसे लोगों का बीमा क्लेम करने में परिवार वालों को काफी मुश्किल होती है.

इस तरह मिलते है बीमा के पैसे

आपको बताये कि बीमा कंपनी किसी व्यक्ति की मृत्यु पर ही क्लेम जारी करती है इसके लिए मृत् प्रमाण पत्र होना काफी जरुरी होता है, लेकिन जब शव ना मिले तो फिर मृत्यु प्रमाण पत्र बनाना मुश्किल हो जाता है.इस परिस्थिती में परिवार वालों को बहुत ही मुश्किल क़ानूनी प्रक्रिया से गुज़रना पड़ता है. इसके लिए आपको गवाहों के बयान के साथ लापता व्यक्ति की आखिरी लोकेशन काफी जरुरी होता है. वहीं यदि किसी के पानी में बहने की पुष्टि पुलिस जांच से हो जाती है तो स्थानीय प्रशासन उक्त व्यक्ति को मृत घोषित कर देता है. जिसके बाद घोषणा पुलिस एक रिपोर्ट जारी करती है, जिसके आधार पर मृत्यु प्रमाण पत्र बनाया जाता है.

सभी दस्तावेज होना है जरुरी

वहीं अगर प्राकृतिक आपदा या दुर्घटना से स्पष्ट प्रमाण है तो एनडीआरएफ और प्रशासन की रिपोर्ट से बीमा क्लेम किया जाता है,लेकिन शव अगर नहीं में बह जाए तो कानूनी प्रक्रिया काफी लंबी हो जाती है,लेकिन यदि आपके पास सभी दस्तावेज सही है, तो बीमा के पैसे मिलने के अवसर बढ़ जाते है.