टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : आयकर विभाग और जीएसटी इंटेलिजेंस की टीम द्वारा लगातार कानपुर के इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर छापेमारी की जा रही है. उनके कानपुर के घर से 280 करोड़ रुपए की बरामदगी जीएसटी इंटेलिजेंस की टीम ने की है. वहीं पीयूष जैन के कनौज वाले घर से लगातार तीन दिनों से नोटों की गिनती जारी है. आखिर ये पीयूष जैन हैं कौन? इनके पास इतना पैसा कहां से आया?, ये एक बड़ा सवाल है. खैर, जो भी हो वो तो जांच एजेंसियां पता लगा ही लेंगी. लेकिन पीयूष जैन के जीवन से जुड़े कुछ अहम हिस्से को हम आपको बताने वाले हैं.
आज भी अपने स्कूटर से चलता है पीयूष जैन
पीयूष जैन मूलरूप से कन्नौज के छिपट्टी मोहल्ले के रहने वाले हैं. पीयूष जैन की सबसे खास बात ये है कि वो आज भी अपने पुराने स्कूटर से चलते हैं. इनके रहन-सहन को देखकर कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता कि इनके पास इतने सारे पैसे हो सकते हैं. उनके कन्नौज वाले घर में एक पुरानी क्वालिस और एक मारुति कार है. वे बहुत ही साधारण आम आदमी की तरह अपना जीवन व्यतीत करते हैं और मोहल्ले में भी वे किसी से भी ज्यादा बात नहीं करते हैं. लोगों ने बताया कि पीयूष के पिता महेश चंद्र जैन पेशे से केमिस्ट हैं. उन्होंने ही अपने दोनों बेटों पीयूष और अंबरीष को इत्र और खाने-पीने की चीजों में मिलाए जाने वाले एसेंस बनाने का तरीका सिखाया.
15 सालों में कारोबार को कानपुर से मुंबई तक फैलाया
पिछले 15 सालों में पीयूष ने अपने कारोबार को तेजी से फैलाया. उनका कारोबार अब कानपुर से लेकर मुंबई तक फ़ाइल हुआ है. इसके साथ-साथ गुजरात में भी उनका कारोबार है. कारोबार बढ़ा तो उन्होंने आसपास के अपने दो मकानों को खरीद लिया और फिर इन दोनों को मिलाकर अपना आलीशान मकान बनवाया. पीयूष का घर कुछ इस तरह से बना है कि करीब 700 वर्ग गज के मकान में दूसरे मकानों से देखने पर बालकनी के अलावा कुछ नहीं दिखता है. इस मकान में पीयूष के पिता महेश चंद्र जैन और उनका स्टाफ ही रहता है. पीयूष और उनका भाई अंबरीष यहां आते-जाते रहते हैं.
इस छापेमारी पर जब अधिकारियों ने पीयूष जैन से इतने सारे नकद रुपयों के बारे में पूछा तो पीयूष जैन ने बताया कि पिछले कई सालों से उसने अपने पुश्तैनी जेवरों को बेचकर नकद रुपए इकठ्ठा किया है. इन पैसों से वह अपने कारोबार को बढ़ाना चाहता था. हालांकि, पीयूष जैन ने सोना कहां बेचा है इसकी जानकारी वह नहीं दे रहे हैं.
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