देवघर (DEOGHAR)- 25 जुलाई से सावन माह की शुरुआत हो चुकी हैं. कोरोना काल की वजह से लगातार दूसरे साल भी देवघर बाबा मंदिर में वीरानगी छाई हुई हैं. कोरोना संकट के मध्य नज़र जिला प्रशासन द्वारा मंदिर में लोगों का प्रवेश वर्जित किया गया हैं. जिसके कारण आज सावन माह की तीसरी सोमवारी में भी बाबा धाम में वीरानगी छाई हुई है. इस वीरानगी में देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने सुबह बाबा की पूजा करने पहुंचे. पूजा के बाद मंदिर सहित पूरे क्षेत्र का जायजा लिया. 

                  

                               देवघर के बाबा मंदिर सहित पूरे क्षेत्र का जायजा लेते देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री 

कोरोना से पहले भक्तों की लगती थी लम्बी कतार

कोरोना से पहले हर साल श्रावण मास के दिनों में लाखों की संख्या में श्रद्धालु  देवघर पहुंच कर बाबा भोलेनाथ की पूजा अर्चना करते थे. साथ ही मंदिर परिसर में बाबा के दर्शन के लिए भक्तों की लम्बी कतार लगा करती थी. संपूर्ण बाबा धाम भक्तिमय हो उठता था और बाबानगरी देवघर का वातावरण भगवा रंग में रंग जाता था. कोरोना संकट के मध्य नज़र जिला प्रशासन द्वारा मंदिर में लोगों का प्रवेश वर्जित किया गया हैं. इसके वजह से जिला के कुल पांच जगहों पर चेक पोस्ट बनाया गया हैं. जिसके तहत दर्दमारा बॉर्डर, अंधरीगादर बॉर्डर, दुम्मा बॉर्डर, जमुई बॉर्डर और जयपुर मोड़ के पास चेक पोस्ट लगाकर बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को देवघर आने से रोका जा रहा है. 

Shravani Mela cancelled, Deoghar, Dumka residents crestfallen - Telegraph  India

                  कोरोना काल से पहले मंदिर परिसर में भक्तों की भीड़

श्रावणी मेले पर आर्थिक रूप से आश्रित रहते हैं कई लोग

श्रावणी मेला पर दूसरे साल भी लगा कोरोना का ग्रहण. कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट पर हैं. साथ ही प्रशासन ने इस साल भी श्रावणी मेले के आयोजन पर रोक लगाया हैं. जबकि देवघर में श्रावणी मेला एक ऐसा मौका होता हैं जब मेले पर आर्थिक रूप से आश्रित लोग अच्छी कमाई करते हैं. इस एक महीने की कमाई से लोगों का साल भर भरण पोषण होता हैं. मेला नहीं लग पाने के कारण स्थानीय लोगों को आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़ रहा हैं. पूजा सामान विक्रेता से लेकर पंडा-पुजारी सभी इस से प्रभावित हुए हैं. नतीजा ये हैं की आर्थिक तंगी के कारण लोग पलायन करने पर मजबूर हो गए हैं. लेकिन जब बात लोगों की जान बचाने की हो तो जिलाप्रशासन का अलर्ट रहना बेहद ज़रूरी हैं.

रिपोर्ट: रितुराज सिन्हा, देवघर