सावन माह भगवान शिव का प्रिय महीना माना जाता है. सावन में कई महत्वपूर्ण पर्व और त्योहार मनाये जाते हैं, जिसमें नाग पंचमी भी शामिल है. बता दें कि सांपों को हिन्दू धर्म में शुरू से ही देवता का दर्जा दिया गया हैं. साथ ही सांपों को बाबा भोलेनाथ का आभूषण भी कहा जाता हैं. ऐसे में सावन का महीना हो और सांप देवता की पूजा न हो ऐसा मुमकिन नहीं हैं. सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन नागपंचमी मनाया जाता है. नाग पंचमी के दिन लोग  नाग देवता की पूजा अर्चना  पूरे विधि विधान से करते हैं. आपको मालूम हो की  बिहार, बंगाल, उड़ीसा, राजस्थान में कृष्ण पक्ष की पंचमी को नागपंचमी का त्योहार मनाया जाता है, जबकि देश के कई हिस्सों में श्रावण शुक्ल पंचमी को ये पर्व मनाया जाता है.

नाग देवता की पूजा का है  विशेष महत्व

सावन माह में इस दिन सांपों की  पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है. ऐसा माना जाता है कि नाग भगवान शिव को अति प्रिय हैं. यहीं कारण  है कि शिव जी अपने गले में नाग धारण करते हैं. धार्मिक महत्व के अनुसार नागपंचमी के दिन सर्पों की पूजा एक देवता के रूप में की जाती है. इस पूजा को करने से मन की शांति के साथ साथ जीवन में  खुशहाली और समृद्धि  प्राप्त होती हैं. नाग पंचमी  के दिन नाग देवता के साथ भगवान शिव की पूजा और रूद्राभिषेक करने से कालसर्प दोष से मिट जाता है.