टीएनपी डेस्क(TNP DESK):कहा जाता है कि दुनिया में हर एक रिश्ता बेवफा हो सकता है लेकिन एक मां और बेटी का रिश्ता ऐसा होता है जो बदल नहीं सकता है. एक मां अपने साथ दुनिया के सारे अत्याचार बर्दाश्त कर सकती है लेकिन अपनी बेटी पर एक आंच नहीं आने देती है.लेकिन बदलते दौर के साथ मां बेटी का रिश्ता शर्मसार हो रहा है.एक मां ने इस रिश्ते को कलंकित कर दिया है दअरसल आज हम एक ऐसी मां की कहानी बताने वाले है जिसने अपनी बेटी की सुरक्षा करने की जगह उसे दरिंदे के सामने बार-बार परोसा और बलात्कार करवाया.

पढ़ें कब और कहां का है पूरा मामला

11 साल की बच्ची के साथ उसके मां ने प्रेमी के साथ सोने के लिए मजबूर किया और रेप करने के लिए भी सपोर्ट किया.पिडित पिता ने बताया कि जब बच्ची यह सब करने से मना करती थी तो मां उसको काफी ज्यादा मारती थी और दरिंदे के सामने झुकने के लिए मजबूर करती थी दअरसल यह मामला साल 2020 का है जिस मामले में कोर्ट ने मां को 25 साल की सजा सुनाई है.याह पूरा मामला दिल्ली का है.

कोर्ट ने इस मामले पर क्या टिप्पणी की है

हाई कोर्ट का कहना है कि एक मां का कर्तव्य होता है कि वह अपनी बेटी की रक्षा करें और हर उस परेशानी से बचाएं जिससे बच्ची को खतरा हो.लेकिन आरोपी ने अपनी बेटी के साथ गलत किया और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए कहा.आपको बता दें कि बच्ची के पिता नेभारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं और प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेस (POCSO) एक्ट की धारा 6 (गंभीर यौन शोषण) के तहत केस दर्ज करवाया था.

पिता ने आरोपी मां और उसके प्रेमी पर दर्ज करवाया था मामला

दरसल पूरा मामला साल 2020 का है जब बच्ची के पिता ने अपनी पत्नी और उसके प्रेमी के खिलाफ थाने में मामला दर्ज करवाया और कहा कि महिला उसकी बेटी को अपने प्रेमी के साथ सोने के लिए मजबूर करती है और बात नहीं मानने पर उसे काफी ज्यादा परेशान किया जाता है इस मामले में गिरफ्तार मां और उसके प्रेमी के खिलाफ थाने में मामला दर्ज करवाया गया था.पिता का कहना था कि जब वह नाइट शिफ्ट ड्यूटी में चला जाता है तो महिला अपने प्रेमी को बुलाकर बच्चे के साथ रेप करवाती है.इतना ही नहीं अपने और प्रेमी के बीच में बच्ची को सोने के लिए मजबूर भी किया जाता था.

कोर्ट ने आरोपी मां को सुनाई 25 साल की सजा

साल 2024 में ट्रायल कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाया और आरोपी मां के साथ उसके प्रेमी को दोषी पाया गया. कोर्ट ने ये माना कि उसकी मां ने जबरन बच्ची के साथ रेप करने के लिए मजबूर किया, जिसमे दोनों दोषी पाए गए,मां को 25 साल तक की सजा सुनाई गई. इस मामले के सामने आने के बाद समाज में एक खिलौना कृत्य का खुलासा हुआ.

कोर्ट ने मां की दलीलों को किया ख़ारिज 

वही आरोपी मां का कहना है कि उसपर लगाए गए सारे आरोप झूठे है.लेकिन 18 सितंबर 2025 को जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा की बेंच ने मां की अपील को खारिज कर दिया.अदालत कहना है कि मौखिक बयान और सबूत ये साबित करते है कि बच्ची के साथ बार-बार रेप किया गया है.मां ने बच्ची को चुप रहने के लिए कहा, उसे अपराधी के सामने झुकने के लिए मजबूर किया और सह-आरोपी को बच्ची के साथ एक ही बिस्तर पर सोने की इजाजत दी, जिससे उसने यौन शोषण किया. यह व्यवहार निष्क्रिय सहमति से कहीं आगे है और स्पष्ट रूप से अपराध में सहायता करने की श्रेणी में आता है.इसलीये मां को 25 साल तक सजा को बरकरार रखा गया है.