धनबाद (DHANBAD) : वह तो ड्राइवर था, लेकिन बहुत जल्द बड़े पैसे वाले बनने की शौक ने उसे सलाखों के पीछे पहुंचा दिया. धनबाद के महुदा में पकड़ी गई अवैध गन फैक्ट्री के संचालक मुर्शीद अंसारी की यही कहानी है. वह अपना नेटवर्क बंगाल से लेकर बिहार तक बढ़ाया और महुदा में अवैध हथियार फैक्ट्री शुरू कर लिया. उसका लिंक तीन राज्यों में फैला हुआ है. अब पुलिस उसके लिंक को खंगाल रही है. जिस जगह पर फैक्ट्री चल रही थी, उस जगह पर पहले उसके पिताजी मवेशी रखते थे.

जब पिताजी वहां से हट गए तो मुर्शिद ने उस जगह पर कब्जा कर लिया और बंगाल के बबलू के संपर्क में आकर हथियार की फैक्ट्री खोल ली. बाघमारा के एसडीपीओ ने गुरुवार को बताया कि फैक्ट्री का मास्टरमाइंड मुर्शिद अंसारी ही है. वह कारीगरों को मुंगेर से बुलाकर यहां पिस्टल बनवा रहा था. गिरफ्तार आरोपियों में मुर्शिद के अलावे मुंगेर जिले के चार लोग हैं. जो फैक्ट्री के भीतर पिस्टल बना रहे थे .पुलिस उनके क्राइम इतिहास को खंगाल रही है. इस कार्रवाई में धनबाद ,रांची एटीएस, कोलकाता एसटीएफ के लोग शामिल थे.बाघमारा एसडीपीओ ने बताया कि कोलकाता एसटीएफ की टीम ने कुछ अपराधियों के पास से हथियार बरामद किए थे. उन अपराधियों की निशानदेही पर यह छापामारी की गई.झारखंड में धनबाद को ही अवैध गन फैक्ट्री के लिए क्यों अपराधी चुनते है? क्या यहां ऐसा करने वालों को बचने में सहूलियत होती है? क्या धनबाद से हथियार की खेप ले जाने में आसानी होती है ?यह एक अबूझ पहेली है? पुलिस के लिए भी बड़ी चुनौती है. महुदा में बुधवार को पकड़ी गई अवैध गन फैक्ट्री चौंकाने वाली है .क्योंकि  तैयार और अर्द्ध तैयार हथियारों की बड़ी खेप पुलिस को मिली है .यह अलग बात है कि लोकल पुलिस इस मामले से पूरी तरह से अनभिज्ञ थी .बंगाल एसटीएफ की लीड पर झारखंड एटीएस सक्रिय हुई, तब जाकर इस अवैध फैक्ट्री का खुलासा हुआ. महुदा का मामला कोई पहला मामला नहीं है. 2005 में चांदमारी में अवैध मिनी गन फैक्ट्री पकड़ी गई थी. 2014 में भी बेरा ,दोबारी के बीच जंगल में फैक्ट्री पकड़ी गई थी. 2010 में भी फैक्ट्री पकड़ में आई थी. 2019 में भी झरिया में फैक्ट्री पकड़ी गई थी.

इसे पकड़ने के लिए तत्कालीन एसएसपी किशोर कौशल ने खुद छापेमारी की थी और 100 से अधिक पिस्टल बरामद की गई थी. बता दें कि धनबाद के महुदा की सिंघाड़ा बस्ती में बुधवार की रात बड़ी अवैध फैक्ट्री का खुलासा हुआ है. भारी मात्रा में पिस्टल जब्त की गई है. महुदा में जहां फैक्ट्री चलाई जा रही थी, वह बिल्कुल सुनसान स्थान है. फैक्ट्री का संचालक अन्य लोगों के साथ मिलकर अपने घर के पीछे बाउंड्री वॉल से सटाकर जगह  में कई महीनो से यह काम कर रहा था. मुंगेर के चार लोगों को अपने साथ रखकर वह हथियार तैयार कर रहा था. बने हथियार को मुंहमांगे दाम पर बेच रहा था. बंगाल एटीएस को इस मामले में तब जाकर लीड मिली, जब एक अपराध की घटना में शामिल अपराधी पकड़ा गया. उसने कबूल किया कि वह महुदा से हथियार खरीदा था. उसी की निशानदेही  छापेमारी कर इस अवैध फैक्ट्री का खुलासा किया है.

रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो