पाकुड़ (PAKUR) : पाकुड़ जिले में नकली एटीएम लॉटरी टिकट का गोरखधंधा प्रतिबंध के बावजूद धड़ल्ले से फल-फूल रहा है. न सिर्फ शहर, बल्कि हिरणपुर के तोड़ाई तक यह काला कारोबार फैला हुआ है. चौंकाने वाली बात यह है कि यह पूरा नेटवर्क घरों से संचालित हो रहा है, जहां रोजाना करीब 20 लाख रुपये मूल्य के फर्जी लॉटरी टिकट छापे जा रहे हैं.
घर में ही बन रहा सपनों का जाल
सूत्रों के मुताबिक इस अवैध कारोबार में सिर्फ एक कंप्यूटर, एक प्रिंटर, एक कटर और Excel की थोड़ी-सी जानकारी की जरूरत होती है. छोटे-छोटे कमरे में ही टिकट की डिजाइन तैयार कर प्रिंट निकालकर उसे कटर से काटा जाता है. इसके बाद एजेंटों के माध्यम से इसे पूरे जिले में खपाया जाता है.
नागालैंड लॉटरी' के नाम पर ठगी
इस गोरखधंधे का मास्टरमाइंड रोजाना ऑनलाइन नागालैंड स्टेट लॉटरी का रिजल्ट देखता है और फिर अगले दिन उसी नंबर को स्थानीय नकली लॉटरी टिकट में छाप देता है वो नंबर, जो असली लॉटरी में नहीं निकले होते. कुछ टिकटों में 10 या 20 हजार के इनाम वाले नंबर भी जानबूझकर डाल दिए जाते हैं ताकि लोगों को झांसा दिया जा सके.
लालच में फंसते लोग, लुटती जेब
लुभावने इनामों के लालच में लोग लाखों गंवा बैठते हैं, जबकि यह धंधा करने वाले फर्जी कारोबारी रातोंरात अमीर बन रहे हैं. सबसे हैरानी की बात यह है कि अब तक प्रशासन की नजरों से यह नेटवर्क बचा हुआ है.
अब तक क्यों नहीं हुई ठोस कार्रवाई?
प्रशासन और पुलिस की निष्क्रियता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. जब रोजाना लाखों का अवैध कारोबार हो रहा है और उसमें दर्जनों लोग संलिप्त हैं, तो अब तक कोई बड़ी कार्रवाई क्यों नहीं हुई? क्या इन लॉटरी माफियाओं को किसी का संरक्षण प्राप्त है?
जनता में बढ़ रहा गुस्सा, प्रशासन से मांग सख्त कार्रवाई हो
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस गोरखधंधे से कई परिवार बर्बाद हो चुके हैं. अब वक्त है कि प्रशासन तत्काल कार्रवाई करते हुए इस नेटवर्क को जड़ से खत्म करे और दोषियों को सलाखों के पीछे भेजे.
रिपोर्ट:नंद किशोर मंडल
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