टीएनपी डेस्क(TNP DESK): केरल में मानसून ने दस्तक दे दी है. वहीं अब यूपी बिहार और झारखंड में भी कुछ दिनों में ही मानसून की एंट्री हो जाएगी. ऐसे में धीरे-धीरे कई राज्यों में बाढ़ का पानी बढ़ जाता है, जिससे भारी तबाही तबाही मचती है. आलम यह हो जाता है कि घर में पानी भर जाने से लोगों के सामने भूखे मरने की स्थिति एक जाती है. वहीं जिनके कच्चे मकान होते हैं वह टूट जाते है या क्षतिग्रस्त हो जाते है. खासकर भारत के पूर्वी हिस्सों में तो यही हर साल यही होता है. यूपी बिहार में बाढ़ से स्थिति काफी ज्यादा गंभीर हो जाती है. ऐसे में आपको इस बात की जानकारी जरूर होनी चाहिए कि अगर बाढ़ या बारिश में घर दुकान या खेती को नुकसान पहुंचता है तो इसका मुआवजा कैसे मिलता है. इसका नियम आपको जरूर जानना चाहिए.
सरकार करती है नुकसान का आकलन
आपको बताये कि जब भी किसी राज्य में प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, बारिश,आंधी तूफ़ान से नुकसान होता है तो सरकार इसका आकलन करती है और फिर या पता लगाती है कि कितने का नुकसान हुआ है.जब नुकसान व्यापक स्तर पर होता है तो सरकार की ओर से ही मुआवजे का ऐलान किया जाता है. इसके बाद स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी नुकसान का आकालन करते हैं और एक सर्वे रिपोर्ट बनाकर सरकार को भेज देते है.जिसका बाद सरकार मुआवजे की रकम भेज देती है.इस तरह मुआवजे की राशि पीड़ितों तक पहुंचती है.
जान लें ये जरुरी बात
चलिए आपको बताते हैं कि अगर बाढ़-बारिश में आपका आशियाना उजड़ जाये या भी बर्बाद हो जाए है तो इसके घर मुआवजे के लिए आप कैसे अप्लाई करेंगे. आपको बतायें कि सबसे पहले आपको जिला प्रशासन को पूरी जानकारी देनी होगी. इसके लिए आप अपने शहर या गांव में नगर पालिका या पंचायत को इसकी सूचना दे सकते है. वहीं सुचना मिले के बाद स्थान अधिकारियों की टीम आपके घर परिवार की संपत्ति और नुकसान का अकालन करने पहुंचती हैं इस दौरान वार्डप्रभारी जिला की फोटो और वीडियो बनाकर जिला प्रशासन को भेजी जाती है.वहीं इसके बाद जिला प्रशासन रिपोर्ट बनाती है, जिसे राज्य सरकार को पास भेजा जाता है, इसके बाद सरकार की ओर से राहत पैकेज का ऐलान किया जाता है.
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