रांची(RANCHI):
JSSC हो या JPSC, तमाम प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर हर छात्र के मन में तमाम तरह के सवाल उठते होंगे, कि आखिर कैसे झारखंड में निष्पक्ष तरीके से परीक्षा होगी और कब युवाओं को सरकारी नौकरी मिलेगी. ऐसे में झारखंड में प्रतियोगी परीक्षाओं का हाल आखिर किस से छुप पाया हैं. सोचने वाली बात तो यह भी है कि हर 5 साल में जिस सरकार पर इतना विश्वास, इतना भरोसा करके लोग उनकी सरकार पर निर्भर करते हैं, वहीं सरकार इन युवाओं के भविष्य के साथ खेल करने में लगी पड़ी है. ताज्जुब इस बात का भी है कि जबसे झारखंड अलग राज्य बना है, तबसे एक भी बार राज्य में सफल परीक्षाएँ हुई ही नहीं हैं. ऐसे में ये चीजें किसकी कमजोरी को दर्शाती है, यह भी सोचने वाली बात है.

झारखंड में परीक्षाओं की मौजूद स्थितियों से हटकर, हालही में JSSC यानि कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने अपने नियमों में बदलाव किये हैं. दरअसल अब JSSC द्वारा संचालित परीक्षाएँ दो चरणों में होंगी. बताते चले कि बीते चार सालों से परीक्षाओं का आयोजन एक ही चरण में किया जा रहा था, पर अब इस नियम में बदलाव किये जाएंगे. इसके लिए जेएसएससी परीक्षा कि नियमावली-2021 में एक बार फिर से बदलाव किया जाएगा. वहीं जानकारी के अनुसार परीक्षा संचालन को लेकर हालही में JSSC ने कई बिंदुओं पर कार्मिक विभाग को सुझाव दिया है. उन्हीं सुझावों के बाद कार्मिक ने नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव तैयार किया है. संशोधित प्रस्ताव को विधि और वित्त विभाग के पास स्वीकृति के लिए भेजा गया है. वहीं सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद इसे मंत्रिपरिषद से भी पास कराया जाएगा. 

जेएसएससी ने कार्मिक विभाग से कहा है कि एक चरण में परीक्षा होने से पेपर लीक की संभावना काफी ज्यादा बढ़ी है, ऐसे में कई विद्यार्थी ऐसे भी हैं जो मेहनत तो करते हैं पर उन्हें मन मुताबिक परिणाम नही मिल पाता है. साथ ही आयोग ने अपने सुझाव में ऑनलाइन परीक्षा नहीं लेने कि बात कही है, और आयोग का मानना है कि कम्प्यूटर आधारित परीक्षा लेने की क्षमता ऐसी नहीं है, जैसी होनी चाहिए. ऐसे में ऑनलाइन परीक्षा नहीं लेने पर भी सरकार को विचार विमर्श करना चाहिए.