दिल्ली(DELHI): न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित ने भारत के मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ ले ली. उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज राष्ट्रपति भवन में शपथ दिलायी. यू. यू. ललित देश के दूसरे प्रधान न्यायाधीश हैं, जिन्हें बार से सीधे शीर्ष अदालत की पीठ में पदोन्नत किया गया है. इनसे पहले न्यायमूर्ति एस. एम. सीकरी मार्च 1964 में शीर्ष अदालत की पीठ में सीधे पदोन्नत होने वाले पहले वकील थे. वह जनवरी 1971 में 13वें सीजेआई बने थे.

देश के 49वें सीजेआई के रूप में शनिवार को शपथ लेने वाले न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित ने कहा कि अन्य दो क्षेत्र जिन पर वह काम करना चाहते हैं उनमें शीर्ष अदालत में सुनवाई के लिए मामलों को सूचीबद्ध करना और जरूरी मामलों का उल्लेख करना शामिल है.

निवर्तमान सीजेआई एन वी रमण को विदाई देने के लिए सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) की ओर से आयोजित एक समारोह में न्यायमूर्ति ललित ने कहा कि उनका हमेशा से मानना रहा है कि शीर्ष अदालत की भूमिका स्पष्टता के साथ कानून बनाना है और ऐसा करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि जितनी जल्दी हो सके बड़ी पीठें गठित हों ताकि मुद्दों का तुरंत समाधान किया जा सके.

बता दें कि न्यायाधीश न्यायमूर्ति यू. यू. ललित मुसलमानों में 'तीन तलाक' की प्रथा को अवैध ठहराने समेत कई ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे हैं. निवर्तमान सीजेआई के स्थान पर न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित नये प्रधान न्यायाधीश होंगे, जिनका कार्यकाल दो महीने से थोड़ा अधिक होगा और वह आठ नवंबर को सेवानिवृत्त होंगे.