धनबाद(DHANBAD):  सूत्रों पर भरोसा करें तो झारखंड में 2लाख 97  हजार से अधिक मंईयां सम्मान योजना की लाभुकों   के कागजात सत्यापन में सही नहीं पाए गए है.  कहा तो यही जा रहा है कि इसी वजह से जनवरी से मार्च तक की इनकी राशि  होल्ड पर है.  एक आंकड़ा यह भी है कि 53 लाख 64 हजार 490 लाभुकों  को जनवरी से मार्च तक की राशि दे दी गई है.  सत्यापन के दौरान जिन लाभुकों  के कागजात सही नहीं पाए गए हैं, उनमें से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं प्रखंड कार्यायलयों और शहरी क्षेत्र की महिलाएं अंचल कार्यालय में अपने जरूरी कागजात फिर से जमा करा  रही है.  कागजात के सत्यापन के बाद ही राशि मिल सकती है.  एक आंकड़े के अनुसार झारखंड के 10 जिले ऐसे हैं, जहां 2 लाख से अधिक लाभुकों का डाटा सत्यापन में गलत पाया गया है.  इधर अब भी लाभुक महिलाएं जिन्हें राशि नहीं मिली है, वह कार्यालय की दौड़ लगा  रही है. 

 वैसे मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना में अब लाभुकों को अप्रैल महीने से  केवल आधार लिंक सिंगल बैंक खाता के जरिए ही राशि का भुगतान होगा. अप्रैल महीने से प्रत्येक सही लाभुकों को₹2500 की आर्थिक सहायता दी जाएगी.  नया आवेदन करने वालों को यह नोट कर लेना चाहिए कि आवेदन के समय महिला लाभुक की आयु 21 वर्ष पूरी हो जानी चाहिए तथा 50 वर्ष से कम आयु का होना जरूरी है. आवेदिका के पास आधार और राशन कार्ड होने चाहिए. जिनका राशन कार्ड में नाम नहीं है, उनके लिए पिता या पति का राशन कार्ड भी मान्य किया गया है. बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 6 जनवरी को दिसंबर महीने के लिए 56.61 लाख महिला लाभुकों  को पैसा ट्रांसफर किया था. होली के दौरान करीब 38 लाख महिला लाभुकों के खाते में राशि भेजी गई थी. इनका बैंक खाता आधार लिंक था. पिछले दिनों कैबिनेट के फैसले में बिना आधार लिंक खाते में मार्च तक की राशि भेजने की स्वीकृति दी गई थी. 

 इधर, यह भी पता चला है कि लाभुकों की वास्तविक पहचान करने के लिए महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग अब राशन कार्ड का भी सत्यापन करेगा. इसके लिए नोडल विभाग ने खाद्य आपूर्ति विभाग से राशन कार्ड पोर्टल के एप्लीकेशन प्रोग्राम इंटरफेस के उपयोग की स्वीकृति मांगी है. जांच से यह भी  पता चलेगा कि लाभुकों का राशन कार्ड आधार लिंक है या नहीं. पिछले दिनों पश्चिम बंगाल के एक व्यक्ति ने इस योजना का लाभ लेने के लिए एक बैंक खाते से 95 बार आवेदन किया था.  बता दें कि अभी भी जिलों के अंचल कार्यालय में लाभुकों की भीड़ लग रही है.  जिनके खाते में पैसे पहुंच रहे हैं, वह तो हेमंत सरकार को आशीर्वाद दे रही है, लेकिन जिनके खातों में पैसे नहीं पहुंच रहे है.  वह उतने  ही गुस्से में कोस  भी रही है. 

रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो