टीएनपी डेस्क: अमेरिका ने एक बार फिर से हमला किया है और एक बार फिर यमन के हूती विद्रोही निशाने पर रहे हैं. अमेरिकी सेना ने यह हमला किया है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इन ईरान समर्थित आतंकवादी समूह के लिए ईंधन और राजस्व की आपूर्ति रोकने के लिए अमेरिका ने यह हमला किया है.
तेल बंदरगाह पर अमेरिका ने क्यों किया हमला
अमेरिकी सैन्य अधिकारियों के अनुसार हूतियों को आवश्यक सुविधा और धन पहुंचाने के स्रोत को तहस-नहस करने के लिए यह हमला किया गया है. हूती स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता अनीश अलसबाही ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में कहा है कि रास ईसा बंदरगाह पर अमेरिकी हमले में 13 कर्मचारियों के मारे जाने की सूचना है. 30 से अधिक लोग घायल हुए हैं.रास ईसा एक महत्वपूर्ण तेल पाइपलाइन और बंदरगाह है जो देश के पश्चिमी तट पर स्थित है. यहां से आयात और मानवीय सहायता यमन को पहुंचाई जाती है. ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों को अमेरिका पहले भी नुकसान पहुंचा है.अमेरिका हूती विद्रोही को आतंकवादी समूह मानता है. इससे पहले भी अमेरिका ने हूती विद्रोहियों पर हवाई हमला किया था जिसमें सबसे अधिक विद्रोही मारे गए.
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