टीएनपी डेस्क (TNP DESK): नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों ने जिस तरह से खतरनाक औऱ भंयकर ऑपरेशन झारखंड, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर चला रहा है. इसके चलते माओवादियों की तो कमर टूट गई है. मानों उसके पांव ही उखड़ गए हैं. सबसे बड़ा औऱ तगड़ा झटका नक्सलियों को तब लगा जब 21 मई को अबूझमाड़ में हुई मुठभेड़ में देश के सबसे बड़े नक्सली औऱ सुप्रीम लीडर बसवा राजू मारा गया. डीआरजी जवानों के साथ हुआ यह एनकाउंटर बड़ा खौफनाक था. किसी को उम्मीद नहीं थी कि तजुर्बेकार माओवादी बसवा राजू अपनी जान गंवा देगा.

नक्सली बसवा राजू के लैपटॉप में क्या है ?

इस मुठभेड़ में डीआरजी जवानों ने बसवा राजू की कहानी का अंत कर दिया. एक बड़े नक्सली के आतंक का किस्सा जंगलों में दफन हो गया. राजू की मौत तो सुरक्षाबलों के लिए जश्न मनाने जैसा दिन था. लेकिन, उनकी खुशी दोगुनी तब हो गयी. जब लैपटॉप, टैबलेट औऱ कुछ डायरियां भी उसके हाथ लग गई. बरामद हुए इस इलेक्ट्रोनिक इक्वीपमेंट के जरिए दफन वो कई राज बेपर्दा होगा. जिसे हासिल औऱ मालूम करना उतना आसान नहीं था. ऐसा बोला जा रहा है कि इसमे इतनी जरुरी जानकारियां मौजूद है कि बस्तर से लेकर देश-दुनिया में छिपे मददगारों की लिस्ट इसमे समायी हुई है. इससे पहले भी नक्सलियों से मिले इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से कई अहम जानकारियां मिली है. जिसमे कई खुलासे हुए औऱ इसी के तहत इसमे कई नक्सली गिरफ्तार भी हुए. 

वसवा राजू नक्सलियों के बीच एक बड़ा नाम था, जिसने अपनी जिंदगी इनके बीच गुजार दी. संगठन का कर्ताधर्ता और अहम किरदार था. लाजमी है कि उसके पास कुछ गुप्त जानकारियां होगी. जो सिर्फ वो और उसके ग्रुप के बड़े लिडर्स ही आपस में साझा करते होंगे. उसके लैपटॉप से उम्मीद की जा रही है कि देश में नक्सलवाद को पनाह और पालने वालों की पूरी कुंडली इसमे होगी. पुलिस भी बसवा राजू के लैपटॉप मिलने से काफी उत्साहित नजर आ रही है. क्योंकि कई अहम जानकारियां मिलने के आसार जताये जा रहें है. जिसमे देश-विदेश में फैले इसके नेटवर्क तक का पता चल सकेगा.

नक्सलियों के अंतराष्ट्रीय मददगारों का होगा खुलासा

खासकर नक्सलियों के अंतराष्ट्रीय मददगारों के नाम के खुलासे आने के कयास पूरी तरह से लगाए जा रहे हैं. पहले भी माओवादियों के नेपाल से लेकर फिलिपिंस तक के संबंधों का पता लग चुका है. ऐसे भरोसा जताया जा रहा है कि नेपाल के पशुपति से तिरुपति तक के रेड कॉरिडोर में बैठ अहम लॉजिस्टिक का भी खुलासा हो सकता है. बसवा राजू के लैपटॉप और टैबलेट में गहरे राज छिपे होने की बात इसलिए कही जा रही है क्योंकि संगठन का कर्ता धर्ता था. उसके जरिए ही लेवी वसूली, हथियार खरीद और अन्य महत्वपूर्ण काम किए जा रहे थे.

मालूम हो कि जुलाई 2019 में बस्तर के तिरिया में बड़ी मुठभेड़ हुई थी. इसमें नक्सल लीडर आरके मारा गया था. उसके पास से एक तेलुगु में लिखित डायरी बरामद हुई थी. एनआईए ने इसे डिकोड करते हुए कई खुलासे किए थे. नक्सलियों के आंध्र और तेलंगाना में काम कर रहे शहरी नेटवर्क में शामिल लोगों का पता चला था. इसके बाद फिर इन्हें शिकंजे में लिया था. जो नक्सलियों के लिए सप्लाई में अहम किरदार थे.

आईटी एक्सपर्ट को सौंपी गई जिम्मेदारी

लैपटॉप-टैबलेट और डायरियों से अहम जानकारियां निकालने की जिम्मेदारी आईटी एक्सपर्ट को सौंपी गई है.शुरुआती तौर पर कुछ अहम सूचनाएं हाथ लगी है. लेकिन अभी कई अन्य फ़ाइल को डिकोड करने की पुरजोर कोशिश की जा रही है. मोबाइल से भी कई जानकारियां मिली है. इतना ही नहीं नक्सली नेता बसवा राजू के किए इंटरनेट कॉलिंग और व्हाटसेप कालिंग के भी कई सबूत मिले हैं. इससे ये पता चल सकेगा कि आखिर वह किसे कॉल करता था.

अब देखना यही है कि आईटी एक्सपर्ट क्या-क्या अहम चिजें उस लैपटॉप के खंगालने के बाद निकालते हैं. साथ ही क्या-क्या राज बसवा राजू दफन किए हुए था. जो एक अबूझ पहेली और बेहद ही गोपनीय था. उसका संगठन कहां से कहां तक फैला हुआ हैं. कौन-कौन लोग मददगार औऱ फंडिंग किया करते थे. इसके भी सुराग मिलने की संभावना जताई जा रही है.