टीएनपी डेस्क(TNP DESK):बिहार से जब झारखंड अलग हो रहा था, तो बिहार के लोग कह रहे थे कि क्या वह बालू फांक कर जीवित रहेंगे. यह अलग बात है कि वह बालू आज बिहार में "पीला सोना" हो गया है. नदियां नीतीश सरकार के लिए जल- नल योजना से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने का हथियार भी बन गई है. नीतीश कुमार की सरकार दावा कर रही है कि लगभग घरों को जल नल योजना से जोड़ दिया गया है. जो बचे है उनके लिए भी काम तेजी से चल रहा है. बिहार में पानी की कोई किल्लत नहीं है. नीतीश कुमार की सरकार अपनी इस योजना को पूरा करने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है. नए-नए लक्ष्य निर्धारित कर रही है और इसकी मॉनीटरिंग भी सख्ती से हो रही है.
पढ़ें योजना का उदेश्य
इस योजना का उद्देश्य बिहार के हर घर तक स्वच्छ और साफ पीने का पानी पहुंचाना है,ताकि लोग स्वच्छ और साफ पानी पी सकें.योजना के तहत पूरे राज्य भर में 56000 वार्ड में नल लगाने का लक्ष्य तय किया गया. हर घर नल योजना का लाभ लेने वाले परिवार को हर महीने 30 रुपये का भुगतान करना पड़ता है जो काफी कम है.योजना का मुख्यमंत्री उदेश्य बिहार सरकार के हर नागरिक को बगैर किसी भेदभाव के स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना था, जहां नीतीश कुमार राज्य के दो करोड़ परिवार को उनके घर में साफ पानी उपलब्ध कराना चाहते थे, जिसको देखते हुए उन्होंने हर घर नल योजना की शुरुआत की गई.
पढ़ें योजना की पूरी डिटेल्स
इस योजना के तहत सभी घरों में पाइप लाइन के माध्यम से जल पहुंचाया जाता ताकि लोग और हैंडपंप और पेयजल के अन्य साधन पर ही निर्भर ना रहें.अब बताएं कि बिहार सरकार की ओर से नीतीश कुमार के निश्चय को पूरा करने के लिए चार तरह की योजनाएं चलाई गई है जिसमे मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना,मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना ( गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्र ),मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना ( गैर गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्र ),मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना शामिल है.चलिए आसान शब्दों में इन चारों योजनाओं के बारे में जानते है.
सबसे पहले बात कर लेते है मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना की, तो इसकी शुरुआत 27 सितंबर 2016 को हुई थी.जिसके तहत बिहार के 4291 ग्राम पंचायत के पूरे परिवार को पाईप के द्वारा नल से स्वच्छ पेयजल की सप्लाई की जाती है. इस योजना का कार्यान्वयन पंचायती राज विभाग की ओर से की जाती है.
वहीं मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल (गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्र) निश्चय योजना भी बिहार के सीएम नीतीश कुमार की ओर से 27 सितंबर 2016 को गई थी.योजना का कार्यान्वयन पंचायत की ओर से किया जाता है.जहां आयरन, फ्लोराइड या आर्सेनिक प्रभावित क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाता है.
वहीं जिन क्षेत्रों में गुणवत्ता प्रभावित जल नहीं होता है उन इलाकों में मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल (गैर गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्र) निश्चय योजना का कार्यान्वयन होता है. जिसका संचालन लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग की ओर से पेयजल आपूर्ति की योजना से पहले से चलाई जा रही है.
वहीं मुख्यमंत्री शहरी पेयजल निश्चय योजना भी 2016 में शुरु हुई थी, जिसका कार्यान्वयन नगर विकास एवं आवास विभाग की ओर से किया जा रहा है. योजना के तहत बिहार के 143 नगर निकाय के 3381 शहरी वार्ड के 15,71,643 घरों में नल-जल से पेयजल आपूर्ति होती है.
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