टीएनपी डेस्क(TNP DESK): देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं के सम्मान और गंदगी से होने वाली बीमारियाँ से बचाने के लिए हर घर शौचालय योजना की शुरुआत की. जहां सरकार की ओर से देश के छोटे से छोटे गांव में जाकर सरकार शौचालय का निर्माण करवाती है, ताकि महिलाओं के सम्मान पर किसी तरह का कोई सवाल खड़ा ना हो और महिलाएं घर में ही अब इज्जत के साथ शौच कर सकें और उनके खेतों में जाने की जरूरत ना पड़े, लेकिन आज भी कुछ ऐसे लोग है जिनके घर में शौचालय होने के बावजूद महिलाओं को बाहर शौच करने के लिए मजबूर करते है.

ये महिला है अक्षय कुमार की असली हिरोइन

दरअसल साल 2017 में अक्षय कुमार ने शौचालय योजना के प्रचार प्रसार और शौचालय को लेकर जागरूक करने को लेकर एक फिल्म बनाई थी, जिसका नाम था टॉयलेट एक प्रेम कथा. यह फिल्म सभी को काफी ज्यादा पसंद आई थी, क्योंकि फिल्म में एक बहुत ही अच्छा संदेश समाज को दिया गया था. फिल्म में विवाहिता महज इसलिए ससुराल छोड़ देती है क्योंकि उसके ससुराल में शौचालय नहीं होता है.एक ऐसी ही असल जिंदगी की कहानी बिहार के रोहतास जिले से सामने आई है जहां एक विवाहिता ने ससुराल जाने से मना कर दिया क्योंकि उसको खेत में शौच करने के लिए प्रताड़ित किया जाता था.

शौचालय के लिए उठाया इतना बड़ा कदम

भले ही यह बात लोगों को छोटी लगती है कि इतनी छोटी सी बात के लिए कोई कैसे ससुराल जाने से मना कर सकता है लेकिन अगर छोटी सी बात है को इग्नोर किया जाए तो फिर यह बड़ी समस्या खड़ी कर देता है,खुले में शौच करने से महिलाओं को कई तरह का संक्रमण हो जाता है जिससे कई गंभीर बीमारी हो जाती है, अगर महिलाओं ने जागरुकता नहीं फैलाई गई , तो फिर लोग उनके साथ अन्याय करते रहेंगे, ऐसा ही रोहतास जिले की इस महिला ने किया.बताया जाता है कि डालमिया नगर थाना क्षेत्र की रहनेवाले एक युवक से इस महिला की शादी से 7 साल पहले हुई थी. कुछ दिन तक तो सब कुछ ठीक था लेकिन इसके बाद पति और ससुराल वालों ने इसे खेत में शौच करने के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया, जिसके बाद उसने ससुराल ही छोड़ दिया.

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पीड़ित महिला का कहना है कि मामूली पारिवारिक विवाद में शौचालय के उपयोग पर पाबंदी लगा दी गई. महिला जब भी शौचालय का उपयोग करती थी तो उसके साथ मारपीट की जाती थी ऐसे में महिला ने परेशान होकर ससुराल ही छोड़ दिया. इस ससुराल वालों ने सुलह समझोते की बहुत कोशिश की लेकिन महिला नहीं मानी.पिछले एक साल से महिला मायके में रह रही थी, लेकिन भारतीय मानव अधिकार संघ पटना प्रमंडल के हस्तक्षेप से महिला फिर से ससुराल लौट गई. जहां उसे अब शौचालय यूज करने की आजादी है.