रांची(RANCHI): राजधानी रांची के एक अस्पताल में नवजात बच्चे की मौत के बाद भी पैसा वसूलने का मामला तूल पकड़ते जा रहा है. परिजनों के आरोप लगाने के बाद प्रशासन रेस हुआ और डीसी ने जांच के आदेश दिए है. उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री के आदेश पर एक जांच समिति गठित की गई है, जिसमें कार्यपालक मजिस्ट्रेट, जिला समाज कल्याण अधिकारी और विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम शामिल है. यह जांच समिति कई बिंदुओं पर जांच करेगी. उपायुक्त ने स्पष्ट किया है कि यदि जांच के बाद अस्पताल प्रबंधन या संबंधित किसी भी व्यक्ति की लापरवाही या गलती साबित होती है तो उनके खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी.
आपको बता दें कि अरगोड़ा स्थित लिटिल हार्ट हॉस्पिटल में बच्चे की मौत के तीन दिनों तक अलग-अलग इलाज के नाम पर पैसे वसूलने का आरोप परिजनों ने लगाया है. जब बच्चे का शव सड़ने लगा, तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया और घर ले जाने को कहा. जब परिजनों ने बच्चे का शव देखा, तो वे दंग रह गए. शव में कीड़े लग गए थे. इसके बाद अरगोड़ा थाने में अस्पताल के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया. बच्चे के शव का रिम्स अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया. अब रिम्स की रिपोर्ट आने के बाद पुलिस जांच को आगे बढ़ाएगी.
बच्चे के पिता मुकेश सिंह ने बताया कि बच्चे का जन्म 4 जुलाई को सदर अस्पताल में हुआ था. सांस लेने में तकलीफ होने पर डॉक्टरों की सलाह पर उसे 8 जुलाई को लिटिल हार्ट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. भर्ती होने के बाद से ही अस्पताल प्रबंधन बच्चे को परिवार से मिलने नहीं दे रहा था. शुक्रवार से बच्चे को पूरी तरह से छिपाकर रखा गया था. डॉक्टर बार-बार खून की मांग करते रहे, लेकिन स्थिति के बारे में जानकारी देने से बचते रहे.
परिवार ने यह भी आरोप लगाया कि आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद उनसे इलाज के नाम पर एक लाख रुपये वसूले गए. वहीं, अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि परिवार को नवजात की गंभीर हालत के बारे में पहले ही सूचित कर दिया गया था. उनके अनुसार, मौत के बाद परिवार इसके बदले पैसे की मांग कर रहा था.
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