रांची (RANCHI) : झारखंड के गोड्डा में सूर्या हासदा के एनकाउंटर के बाद पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं. उसे हिरासत में लेने के बाद एनकाउंटर कैसे हुआ और पूरी घटना को कैसे अंजाम दिया गया? अब इस मामले में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने इसे हत्या करार दिया है और राज्य सरकार से जांच की मांग की है. बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार से मांग की है कि उच्च न्यायालय के किसी वर्तमान न्यायाधीश की अध्यक्षता में सूर्या हांसदा के संदिग्ध मुठभेड़ की जांच कराई जाए ताकि आदिवासी समाज को न्याय मिल सके.

बाबूलाल ने सोशल मीडिया पोस्ट में सूर्या हांसदा के भाषण का वीडियो भी शेयर किया है. आगे लिखा है कि सूर्या आदिवासी समाज के शिक्षा, सुरक्षा और सम्मान के अधिकार की बात कर रहे हैं. वे आदिवासी बेटियों की सुरक्षा और उनके सम्मान की रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का आह्वान कर रहे हैं.

आदिवासी ज़मीन की लूट और विस्थापन के ख़िलाफ़ लड़ने वाले इस निडर युवा की आवाज़ को झारखंड पुलिस ने एक संदिग्ध मुठभेड़ के ज़रिए हमेशा के लिए खामोश कर दिया. सूर्या की पुकार संथाल में उत्पीड़न झेल रहे आदिवासी समाज की पुकार थी. अब यह आवाज़ एक आंदोलन का रूप लेगी.

उन्होंने कहा कि चाहे आदिवासी नेता को अपराधी बनाना हो या किसी निर्दोष को दोषी साबित करना हो, पैसे लेकर जमीन पर कब्जा करना हो या माफिया को खुलेआम आतंक फैलाने की खुली छूट देना हो, शक के आधार पर किसी की आवाज दबाने के लिए एनकाउंटर करना हो या किसी खास समूह को खुली छूट देकर आदिवासियों की हत्या करना हो... झारखंड पुलिस में शामिल कुछ अपराधी किस्म के लोगों ने इन सभी कार्यों की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले रखी है.