सासाराम(SASARAM): ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय बिहार दौरे पर पहुंचे. आज बिक्रमगंज (सासाराम) में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने करीब 40 मिनट तक जनता से संवाद किया और कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की.सभा के दौरान प्रधानमंत्री ने एक ओर जहां आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी, वहीं बिहार में हुए विकास कार्यों और राजनीतिक विरोधियों पर भी तीखा हमला बोला.

आतंक पर स्पष्ट संदेश: 'ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक तीर है

प्रधानमंत्री ने कहा कि पहलगाम हमले के अगले ही दिन मैंने बिहार की धरती से आतंकियों को सजा देने का वचन दिया था. आज, उसी धरती से कह रहा हूं कि वादा पूरा किया गया. आतंकियों के ठिकानों को खंडहर में बदल दिया गया है. दुश्मन जान ले, ऑपरेशन सिंदूर हमारे तरकश का एक तीर भर है.उन्होंने कहा कि भारत की बेटियों के सिंदूर की शक्ति को आज पाकिस्तान ही नहीं, पूरी दुनिया ने देखा है.

बीएसएफ को सलाम, शहीदों को श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री ने सीमा की सुरक्षा में लगे बीएसएफ जवानों की बहादुरी को सलाम करते हुए कहा हमारे जवान अभूतपूर्व साहस का परिचय दे रहे है.उन्होंने 7 मई को शहीद हुए सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज को श्रद्धांजलि देते हुए कहा मैं बिहार की धरती से अपने इस शहीद बेटे को नमन करता हूं.

नक्सलवाद पर प्रहार: ‘अब सिर्फ 18 जिले प्रभावित, जल्द होगा अंत’

मोदी ने बताया कि 2014 से पहले देश के 125 जिले नक्सल प्रभावित थे, लेकिन अब केवल 18 जिले बचे है.उन्होंने कहा, नक्सल प्रभावित इलाकों में पहले न अस्पताल था, न मोबाइल टावर। अब हर गांव में विकास पहुँच रहा है, सड़कें बन रही हैं, रोजगार मिल रहा है.

नीतीश कुमार की तारीफ, लालू पर हमला

प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सराहना करते हुए कहा नीतीश जी ने बिहार को जंगलराज से निकालकर विकास के रास्ते पर लाया.उनका नेतृत्व सराहनीय है.वहीं, बिना नाम लिए लालू प्रसाद यादव पर हमला करते हुए उन्होंने कहा रेलवे में वर्ल्ड क्लास काम हो रहा है, जो पहले भी हो सकता था. लेकिन तब नौकरी के नाम पर गरीबों की जमीन लूटी गई. यही उनका सामाजिक न्याय था गरीबों को लूटना और खुद राजशाही की तरह रहना.

कांग्रेस-आरजेडी पर सीधा वार

प्रधानमंत्री ने कांग्रेस और आरजेडी पर तीखा हमला करते हुए कहा जिन लोगों ने बिहार को सबसे ज्यादा ठगा, उनके समय में गरीबों को पलायन करना पड़ा. दशकों तक शौचालय नहीं, छत नहीं. क्या यही था उनका सामाजिक न्याय? ये दरअसल सबसे बड़ा अन्याय था.