रांची (RANCHI) - स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के ऊपर निर्दलीय विधायक का ब्रह्मास्त्र असर कर रहा है. प्रोत्साहन राशि के वितरण में कथित रूप से गड़बड़ी का आरोप भारी पड़ सकता है. बन्ना गुप्ता पिछले दिनों अपने को एक तरह से सेफ जोन में रखे हुए थे. गिरिडीह में हुए कांग्रेस के मंथन शिविर में बन्ना गुप्ता ने भाषा विवाद पर ऐसा स्टैंड लिया कि वे पार्टी के एक बड़ा धड़े के बीच प्रिय बन गये थे. भोजपुरी प्रेम साफ दिखा. कांग्रेस आलाकमान ने इस मुद्दे पर बन्ना की सराहना की थी. लेकिन फिलहाल वे दिक्कत में आ सकते हैं. कांग्रेस के अंदर उनके विरोधी इस मामले को हवा देने में लगे हैं. कुछ महत्वाकांक्षी विधायक और पार्टी पदाधिकारी केंद्रीय नेताओं को इसकी जानकारी प्रेषित कर दिए हैं. प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने भी इस मामले मे प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे को जानकारी दी है. वे भी पूरे मामले की सच्चाई जानने का प्रयास कर रहे हैं.

सक्रिय हुआ घर का विरोधी खेमा

 इधर, बन्ना गुप्ता समेत  मंत्री कोषांग के अन्य 59 लोगों को प्रोत्साहन राशि देने के आरोप से बवाल मचा हुआ है. कांग्रेस के अंदर बन्ना गुप्ता के विरोधी सक्रिय हो गये हैं. इधर, सरकार के स्तर पर भी संचिका की जांच हो रही है. सूत्र के अनुसार संचिका को मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को भेजी गई है. पूरे मामले पर प्रोत्साहन राशि वितरण के प्रावधान का अध्ययन हो रहा है. इधर,स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह पर भी प्रोत्साहन राशि लेने का आरोप भाजपा ने लगाकर कार्रवाई की मांग की है.

थम नहीं रहा विवाद

इस पूरे प्रकरण पर सरयू राय और अधिक सक्रिय हो गए हैं. बन्ना गुप्ता के सवाल का जवाब तथ्य के साथ पेश कर रहे हैं. उन्होंने एक और गंभीर आरोप लगाए हैं.14 अप्रैल को सार्वजनिक छुट्टी के दिन आफिस खोलकर प्रोत्साहन राशि वितरण संबंधित आदेश से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है. इस मामले पर मुख्यमंत्री कोषांग ने भी संचिका को मुख्य सचिव के माध्यम से पेश करने का आदेश दिया है.

गलबहियां के साइड इफेक्ट्स

 इधर, राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि जमशेदपुर में पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के साथ उनकी नजदीकियों का यह बड़ा साइड इफ्केट्स बताया जा रहा है. बन्ना गुप्ता ने रघुवर दास के आवास पर जाकर उनसे गलबहियां की थी. इस तस्वीर को उन्होंने शेयर भी किया था. इसके कई मायने निकाले गये थे. लेकिन एक असर यह भी विस्फोट के रूप में सामने आया है. सरयू बम के हमले से बन्ना गुप्ता को नुकसान हुआ है. ऐसा राजनीति के समझदार बताते हैं.