टीएनपी डेस्क (TNP DESK): बरसों शीर्ष सत्ता से लेकर पंचायत तक कभी कांग्रेस की तूती बोलती थी. लेकिन 2014 के बाद से देश में इसका ग्राफ धीरे-धीरे गिरता गया. लोकसभा में उसकी संख्या पचास के करीब टिक गई. कुछ राज्यों में उसकी सरकार है. लेकिन चर्चा के केंद्र में उसकी जगह भाजपा ने ले ली है. लेकिन इधर काफी दिनों बाद कांग्रेस की चर्चा होने लगी है. इसकी वजह है, भारत जोड़ो यात्रा जो राहुल गांधी की अगुवाई में कन्याकुमारी से शुरू हुई है, इसका समापन कश्मीर में होगा. वहीं चर्चा की दूसरी वजह है करीब दो दशक बाद कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव.

कब है चुनाव

अध्यक्ष के लिए वोटिंग 17 अक्टूबर को होगी और परिणाम 19 अक्टूबर को घोषित होंगे. 22 सितंबर को अधिसूचना जारी होगी. नामांकन 24 से 30 सितंबर तक प्रत्याशी दाखिल कर सकेंगे. नामांकन 8 अक्टूबर को वापस लिया जा सकेगा है. अध्यक्ष के साथ कांग्रेस वर्किंग कमेटी के 23 सदस्यों में से 12 सदस्य का भी चुनाव होगा। जबकि 11 नामित किये जाएंगे.

इनके बीच होगी टक्कर

अभी कांग्रेस की कमान सोनिया गांधी के पास है. वह कार्यकारी अध्यक्ष हैं. क्योंकि अध्यक्ष पद से राहुल गांधी ने इस्तीफा दे दिया था. बता दें कि अध्यक्ष पद ज्यादातर गांधी परिवार के पास ही रहा है. आजादी के 75 सालों में 40 साल नेहरू-गांधी परिवार से कोई न कोई अध्यक्ष रहा तो 35 साल पार्टी की कमान गांधी-परिवार से बाहर रही. भारत जोड़ो यात्रा के दौरान पिछले दिनों राहुल के एक बयान से लग रहा था कि उन्हें अध्यक्ष बनने की रुचि है. लेकिन ऐसा महज़ क़यास ही था. कांग्रेस अध्यक्ष की दौड़ में फिलहाल दो नाम चर्चा में हैं. इनमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर का नाम शामिल है. कहा जा रहा है कि थरूर को सोनिया से हरी झंडी मिल चुकी है. खबर है कि थरूर ने जब सोनिया से मिलकर इस संबंध में इजाज़त चाही, तो वो बोलीं- चुनाव लड़ने का फैसला आपका है.

अब जानिये कैसे होगा चुनाव

हर चुनाव के लिए वोटर का होना जरूरी होता है. कांग्रेस के अध्यक्ष के लिए क्या है प्रक्रिया, चलिये समझते हैं. सबसे पहले सदस्यता अभियान चलाकर सदस्यों की संख्या बढ़ाई जाती है. बता दें कि कांग्रेस का सदस्यता अभियान करीब सालभर से हो रहा है. इसके बाद बूथ और ब्लॉक स्तर पर कमेटी गठित की जाती है. जिला स्तर पर कमेटी बनाई जाती है. इसका गठन भी चुनाव के आधार पर किया जाता है. ब्लॉक कमेटी और बूथ कमेटी मिलकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी का प्रतिनिधि या पीसीसी डेलिगेट्स चुनती है. हर ब्लॉक से एक प्रतिनिधि का चुनाव किया जाता है. इसके बाद हर 8 पीसीसी पर एक केंद्रीय कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधि या एआईसीसी डेलिगेट चुना जाता है. एआईसीसी और पीसीसी का अनुपात एक और आठ का होता है. किसी प्रदेश कांग्रेस कमेटी के 10 सदस्य मिल कर किसी कांग्रेस नेता का नाम अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के लिए प्रस्तावित करते सकते हैं. चुनाव की निगरानी सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी (CEA) करता है. इसमें तीन से पाँच सदस्य होते हैं. एक चेयरमैन होता है. अभी मधुसूदन मिस्त्री चेयरमैन हैं.