रांची(RANCHI): महाराष्ट्र के बाद अब झारखंड में भी रिज़ॉर्ट पॉलिटिक्स शुरू हो गई है. अब आने वाले दो दिनों तक झारखंड की राजनीति रिज़ॉर्ट से तय होगी. झारखंड के मुख्यमंत्री, मंत्री और upa गठबंधन के विधायक अब किसी रिज़ॉर्ट में मौज करने वाले हैं. अब दो दिनों तक उनकी लाइफ बड़े ही ऐश-ओ-आराम में कटने वाली है. झारखंड की राजनीति में पिछले कई दिनों से जो हो-हल्ला और बवाल मचा हुआ है, उससे दूर अब ये विधायक रिज़ॉर्ट में थोड़ा आराम करेंगे. रिज़ॉर्ट में सभी विधायकों के सुख-सुविधाओं का ख्याल रखा गया है. सभी विधायक दो दिनों तक वहां मौज करेंगे. विधायकों के इन्जॉयमेंट के लिए पूल की व्यवस्था होगी. 56 प्रकार के पकवान होंगे. सोने के लिए महंगा बेड होगा. खेलने के लिए गेम्स होंगे. टहलने के लिए ग्राउन्ड होगा.  जो विधायक और मंत्री रिज़ॉर्ट पहुंचेंगे उनके अलावा और किसी भी नेता का प्रवेश निषेध होगा. और जो विधायक रिज़ॉर्ट में होंगे, उनके फोन को जमा करा लिया जाएगा. जरूरी कामों के लिए उनकी बातचीत होगी. मगर, नजर बनी रहेगी कि कहीं वो किसी से खुफिया बात तो नही कर रहे.

विधायकों पर रहेगी पैनी निगाह

सरकार की बात करें तो सरकार के पास 43 से 45 विधायकों का साथ है. ये बहुमत के लिए पर्याप्त है. अभी भी कुछ विधायकों का वहां जाना बाकी है. बचे हुए लोग दूसरे रास्तों से वहां पहुंचेंगे. और वहां पहुंचते ही वे 5 स्टार होटल में कैद हो जाएंगे. इन सभी व्यवस्थाओं के बीच उनकी हर एक ऐक्टिविटी पर पैनी निगाह होंगी. cctv से भी नजर रखी जाएगी. ताकि कोई विधायक कोई बड़ा गुल ना खिला दे. जानकारी है कि झारखंड के करीब किसी सीमावर्ती राज्य में यह अज्ञात रिज़ॉर्ट होगा. मामला साफ है कि रिज़ॉर्ट से ही अब झारखंड की राजनीति का भविष्य तय होने वाला है.

कभी भी आ सकता है फैसला

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ खनन लीज मामले में काभी भी चुनाव आयोग का फैसला सार्वजनिक हो सकता है. जानकारी है कि फैसला मुख्यमंत्री के खिलाफ आ सकता है. हालांकि, अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नही हुई है. लेकिन, अगर, फैसला सीएम के खिलाफ आता है तो मुख्यमंत्री की विधानसभा सदस्यता रद्द हो जाएगी. ऐसे में उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है.ऐसे में यूपीए विधायक एकजुट रहे और इसी बीच कोई जोड़तोड़ की राजनीति ना हो, इससे बचने के लिए सभी विधायकों के साथ मुख्यमंत्री रिज़ॉर्ट की ओर कूच कर चुके हैं.