टीएनपी डेस्क: शारदीय नवरात्र का आज पहला दिन है. हर ओर माता के जयकारे लगाए जा रहे हैं. घरों में कलश स्थापना कर देवी को प्रसन्न किया जा रहा है. मान्यता है कि, नवरात्र में विधि-विधान से कलश स्थापना करने से घर में माता का आगमन होता है और माता प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती है. ऐसे में माता को प्रसन्न करने के लिए जरूरी है कि नवरात्र के समय वास्तु शास्त्र का खास ख्याल रखा जाए. सिर्फ पूजा की जगह पर ही नहीं बल्कि नवरात्र के दौरान घर के मुख्यद्वार पर भी वास्तु से जुड़े कुछ नियमों का पालन करना चाहिए. क्योंकि, नवरात्र के इन 9 दिनों में सभी देवियां घर के मुखयद्वार से ही घर में प्रवेश करती हैं. साथ ही घर के मुखयद्वार के जरिए ही घर में सकारात्मक ऊर्जा के साथ-साथ उन्नति, सौभाग्या और खुशहाली प्रवेश करती है. ऐसे में वास्तु को नजरअंदाज करने से नकारात्मक परिणाम का सामना करना पड़ सकता है.
मुख्यद्वार पर करें ये काम
साफ-सफाई का रखें ध्यान: घर के मुख्यद्वार को हमेशा साफ-सुथरा रखें. क्योंकि, मुख्यद्वार साफ रहेगा तभी देवी घर में आगमन करेंगी. साथ ही सकारात्मक ऊर्जा भी बनी रहेगी.
स्वास्तिक का बनाएं चिन्ह: घर के मुख्यद्वार पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं. स्वास्तिक के चिन्ह से नकारात्मक ऊर्जा घर से दूर रहती है और सकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश करती है.
आम के पत्तों की लटकाएं माला: आम के पत्तों की माला बना कर मुख्यद्वार पर लटकानी चाहिए. आम के पत्तों को शुभ माना जाता है. इससे सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है. साथ ही अच्छे स्वास्थ्य और धन-धान्य को आमंत्रित करती है.
माता लक्ष्मी के बनाए पैरों के निशान: मुख्यद्वार पर लक्ष्मी मां के पैरों के निशान बनाने चाहिए. क्योंकि, नवरात्र में देवी अलग-अलग रूपों में घर में प्रवेश करती है. ऐसे में नवरात्रि के दौरान मुख्यद्वार पर माता लक्ष्मी के पैरों के निशान बनाने से आपके कई बिगड़ें और रुके हुए काम बन जाएंगे. साथ ही सुख-समृद्धि में बढ़ोत्तरी होगी.
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