टीएनपी डेस्क(TNP DESK):सावन का महीना पूरी तरह से भगवान भोलेनाथ को समर्पित होता है. सनातन धर्म में इस महीने को काफी पवित्र माना जाता है, यही वजह है कि सभी भक्त इस पूरे महीने सात्विक भोजन करते हुए पूरी श्रद्धापूर्वक भगवान भोलेनाथ को जलार्पण करते हैं.वहीं इस महीने ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने की भी परंपरा है. सावन के महीने में झारखंड में स्थित देवघर मंदिर में भी भक्तों की भीड़ पूरे देश से उमड़ती है. भक्त यहां कांवड लेकर नंगे पैर पैदल चलकर भगवान शंकर को जलार्पण करने आते हैं जो एक पुरानी परंपरा है.
सोमवार से होगी सावन की शुरुआत और समापन
वहीं आपको बता दें कि सावन के महीना का जितना ज्यादा महत्व है उससे कई ज्यादा महत्व इस महीने में पड़नेवाले सोमवार की होती है.इस साल सावन महीने की शुरुआत 22 जुलाई सोमवार के दिन से हो रही है तो वही इसका समापन 19 अगस्त का दिन होगा. इस साल सावन में कुल पांच सोमवार पड़ेगे, जो काफी शुभ माना जा रहा है. वहीं इस साल का सावन कई मायनों में खास है क्योंकि इस बार सावन के महीने में 72 साल बुरा एक दुर्लभ संयोग बन रहा है जिसके बारे में हम आगे बताने वाले हैं.
72 साल बाद बना है ऐसा दुर्लभ संयोग
आपको बताये कि एक तरफ जहां सोमवार के दिन से सावन के महीने की शुरुआत होगी, तो वहीं इसका समापन भी सोमवार के दिन ही होगा, जो काफी दुर्लभ संयोग है, पुरोहितों की माने तो ये संयोग 72 साल बाद बना है. वहीं इसके साथ ही इस सावन 6 और शुभ योगों का निर्माण भी होगा. इस सावन के महीने में गजकेसरी योग, शुक्रादित्यन योग, नवपंचम योग के साथ बुधादित्यी योग, शश योग और कुबेर योग बन रहा है.जिसकी वजह से इस साल सावन काफी शुभ फलदायी है,और इसका महत्व और बढ़ गया है.
इस सावन की पहली सोमवारी भी है खास
वहीं इस साल के सावन की पहली सोमवारी काफी शुभ है, क्योंकि इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है. इस योग से सावन महीने की शुरुआत बड़ा ही शुभ माना जाता है. इस योग में सोमवार का व्रत करने से भोलेनाथ की विशेष कृपा भक्तों को मिलती है, जिससे उनकी हर मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है. वहीं पहली ही सोमवारी को दो और योग आयुष्मान और प्रीति योग बन रहे है, जिसमे रुद्राभिषेक कराना शुभ माना जाता है.
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