धनबाद (DHANBAD): दी आर्ट ऑफ लिविंग की तीन दिवसीय हैप्पीनेस कार्यशाला बैंक मोड़ सिद्धि विनायक अपार्टमेंट में रविवार को हुई. यह कार्यशाला ढाई वर्ष बाद हुई. कार्यशाला का नेतृत्व मीडिया कोऑर्डिनेटर व झारखंड स्टेट चिल्ड्रेन टीन्स कोऑर्डिनेटर और स्वयंसेवक मयंक सिंह ने किया. तीन दिवसीय कार्यशाला में प्रतिभागियों ने ज्ञान, ध्यान प्राणायाम, योगासन और दी आर्ट ऑफ लिविंग की फ्लैगशिप लयात्मिक स्वांस की प्रक्रिया सुदर्शन क्रिया को सीखा.
निरंतर अभ्यास से रोग प्रतिरोधक शक्ति की वृद्धि होती है
इनके निरंतर अभ्यास से मन शांत, एकाग्रता, रोग प्रतिरोधक शक्ति की वृद्धि होती है. इस कार्यशाला को सफल बनाने में अनिल बर्नवाल, अमन कुमार, नितिश अग्रवाल, नवनीत सिन्हा, आकर्ष कुमार, खुशबू बर्नवाल, मीनू कुमारी, मनमोहन चावड़ा, पिंटू सिंह आदि का योगदान रहा. नीतीश अग्रवाल जो एक व्यवसायी है ,उन्हे मन शांत और शरीर में स्फूर्ति का अनुभव प्राप्त हुआ. वही, अमन कुमार जो एक विद्यार्थी है, उन्हें सुदर्शन क्रिया से एकाग्रता व स्थिरता का अनुभव प्राप्त हुआ. नवनीत सिन्हा ,जो फाइनेंस का कार्य करते है ,उन्हें टाइम मैनेजमेंट निपुर्णता मिली. गृहिणी खुशबू बर्नवाल और मीनू सिंह को अपने क्रोध और मन शांत की विधि मिली. मनमोहन चावड़ा, जो आर्ट ऑफ लिविंग को 22 वर्षो से नियमित पालन कर रहे, उन्हे शुरू के दिन से ही डायबिटीज रोग से मुक्ति मिली है.
कार्यशाला समाज के सभी स्तर के लोगो के लिए
दी आर्ट ऑफ लिविंग की विभिन्न कार्यशाला समाज के सभी स्तर के लोगो के लिए है. जैसे जेल में कैदी जो सजा काट रहे , गांव में नशामुक्ति और बच्चो के लिए पढ़ाई के साथ सफाई, कॉर्पोरेट लेवल के लिए स्ट्रेस मैनेजमेंट और अपने मीडिया और पुलिस कर्मी के लिए तनावमुक्त और रोगप्रितरोध शक्ति वृद्धि के लिए भी सुलभ है. इसलिए दुनिया भर के 156 से भी ज्यादा देशों में कार्यशाला लोकप्रिय है, जिसका लाभ लाखो जन ने पाया है. धनबाद में भी निरंतर कार्यशाला होती रहती है।
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