टीएनपी डेस्क(TNP DESK): सृष्टि के आदि शिल्पी भगवान विश्वकर्मा की आज पूजा है. इस शुभ अवसर पर आज घर-घर भगवान विश्वकर्मा की पूजा बहुत ही धूम-धाम से और काफ़ी श्रद्धा के साथ हो रही है. कई जगह तो भगवान विश्वकर्मा की पूजा के लिये पंडाल भी बनाए गए हैं, जिन पंडालों मे भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा भी विस्थापित की गई है.

आज के इस शुभ दिन मे वाहन, कल-कारखाने, संयंत्र, कल-पुर्जों आदि की पूजा करने का विधान है. इस वर्ष सर्वार्थ सिद्धि योग में विश्वकर्मा की पूजा की जा रही है. मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा की पूजा से कारोबार में कभी रुकावट नहीं आती. शुभ मुहूर्त में पूजा करने पर व्यक्ति को व्यवसाय में उन्नति और कुशलता का आशीर्वाद प्राप्त होता है. यही कारण है कि आज के इस शुभ दिन मे कोई भी व्यक्ति भगवान विश्वकर्मा की सच्चे दिल से अराधना करना नही भूलता. लोगों की भगवान विश्वकर्मा के प्रति सच्ची भक्ति भावना ही है कि भगवान विश्वकर्मा के प्रति यह आस्था अब चलती ट्रेनों मे भी देखी जा रही है, जी हां, भगवान विश्वकर्मा के भक्त चलती ट्रेनों मे भी उनकी धूम-धाम से पूजा करते हैं.

चलती ट्रेन में मनाया गया विश्वकर्मा पूजा

हम अगर बात करें धनबाद की तो धनबाद से खुलने वाली धनबाद हावड़ा कोलफील्ड एक्सप्रेस में चलती ट्रेन में भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है. विश्वकर्मा पूजा के दिन कोलफील्ड एक्सप्रेस पूजा स्पेशल ट्रेन बन जाती है. पिछले नौ वर्षों से डेली पैसेंजर और रेल कर्मचारी मिल कर कोलफील्ड एक्सप्रेस में भगवान विश्वकर्मा की पूजा कर रहे हैं. पहले डेली पैसेंजर के प्रतिनिधि चालक दल और गार्ड के साथ मिलकर इंजन की पूजा की गई. इसके बाद विधि-विधान से बोगी में स्थापित भगवान विश्वकर्मा की आराधना की गई. बताते चलें की धनबाद से हावड़ा के बीच नियमित यात्रा करने वाले डेली पैसेंजरों का समूह ट्रेन में विश्वकर्मा पूजा का प्रबंध करता है. हावड़ा से 16 सितंबर की रात लौटी कोलफील्ड एक्सप्रेस से भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा लाई गई. रातभर यार्ड में बोगी और ट्रेन को सजाया गया. शनिवार को जब ट्रेन यार्ड से प्लेटफॉर्म नंबर एक पर आई तो ढोल-ताशे बजाए गए. मंत्रोच्चार के बीच ट्रेन में पूजा हुई और ट्रेन के हावड़ा पहुंचने से पहले सामूहिक आरती और प्रसाद वितरण किया गया. भगवान विश्वकर्मा के प्रति यह आस्था एक अलग ही भगवान व उनके बिच अटूट विश्वास कायम करती है.