रांची (RANCHI) : झारखंड विधानसभा मॉनसून सत्र का आज दूसरा दिन था. ऐसे में पक्ष विपक्ष के द्वारा सदन के बाहर जितना हंगामा देखने को मिला, उससे कहीं ज्यादा हंगामा सदन के अंदर देखने को मिला है. विपक्ष की ओर से सदन की कार्यवाही के दौरान सूर्या हांसदा एनकाउंटर पर सरकार से सवाल किया गया था, इसी समय भाजपा के नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मारंडी ने सदन में दिशोम गुरु शिबू सोरेन की उपमा देते हुए कुछ ऐसा कह दिया जो किसी ने सोचा तक नहीं था. पर बात यहीं तक नहीं रुकी, नेता प्रतिपक्ष ने अपने सोशल मीडिया हैन्डल X पर सदन का विडियो पोस्ट कर लिखा, "लोग जिन्हें दिशोम गुरु कहते हैं, वह कई गंभीर आपराधिक मामलों में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद रहें. इसी तरह सूर्या हांसदा पर भी अनेक मामलों में आरोप लगे, लेकिन अधिकांश में वे बरी हुए. न्यायालय में अब तक सूर्या हांसदा किसी भी आपराधिक मामले में दोषी सिद्ध नहीं हुए. 

इसलिए, संसदीय कार्य मंत्री और झामुमो द्वारा उन्हें अपराधी कहना पूरी तरह अनुचित है. किसी व्यक्ति को अपराधी घोषित करने का अधिकार केवल न्यायालय के पास है, जनप्रतिनिधियों के पास नहीं." इन वाक्यों से साफ है की नेता प्रतिपक्ष कीस ओर इशारा कर रहें हैं. ऐसे में जब दिवंगत शिबू सोरेन गंभीर आपराधिक मामलों में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद रहने के बावजूद भी दिशोम गुरु कहलाते हैं तो संसदीय कार्य मंत्री और झामुमो नेता, सूर्या हांसदा को अपराधी कैसे करार सकते हैं. यह बातें न सिर्फ बाबूलाल बल्कि पूरे विपक्ष की आवाज है जो आने वाले दो दिनों में सदन में गूँजेगी.

साथ ही नेता प्रतिपक्ष ने संसदीय कार्य मंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा द्वारा सूर्या हांसदा को अपराधी कहने पर भी आपत्ति जताई है. स्पष्ट रूप से बाबूलाल ने कहा है कि अपराधी घोषित करने का अधिकार केवल न्यायालय के पास है, जनप्रतिनिधियों के पास नहीं. अगर हमलोग किसी को अपराधी साबित करने लगे, तो यह ठीक नहीं होगा. उन्होंने कहा कि सूर्या हांसदा राजनीति में थे. कई बार चुनाव लड़े. अपने क्षेत्र में लोकप्रिय भी थे. हम सभी जानते हैं कि राजनीति में लोगों पर कई बार केस दर्ज करा दिये जाते हैं, इसका मतलब यह नहीं कि वह अपराधी हो गया.