Tnp desk- आधार कार्ड बनवाने से पहले बायोमेट्रिक प्रक्रिया से गुजरना एक आवश्यक शर्त है. इसी बायोमेट्रिक प्रक्रिया से आपकी आंख और फिंगर प्रिंट की विशेषताओं और उसकी संरचनाओं को एक खास डाटावेस में सुरक्षित किया जाता है, ताकि आपके पहचान को सुनिश्चित किया जा सके, लेकिन कल्पना कीजिये कि किसी शख्स ने किसी दुर्घटना में अपना आंख या हाथ खो दिया हो, या फिर वह जन्मांध हो या बिना हाथ का हो. कभी कभी तो हाथ की रेखाओं को घिस जाने के कारण भी आधार कार्ड बनाने में मुसिबत आती थी, ग्रामीण इलाकों में खेतिहर मजदूरों को विशेष रुप से इस मुसीबत का सामना करना पड़ता है, उस हालत में उनके आधार कार्ड का निर्माण कैसे किया जाय. अब तक यह बड़ा सवाल था, जिसके कारण देश में लाखों लोगों का आधार कार्ड नहीं बन पा रहा था और इसके कारण उन्हे तरह-तरह की दुश्वारियों का सामना करना पड़ा रहा था, लेकिन केन्द्र की मोदी सरकार ने अब उस रास्ते की तलाश कर ली है, जिसके तहत बिना आंख हाथ वालों का भी आधार कार्ड बन सकेगा और वह भी दूसरे लोगों की तरह सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे.
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने की इसकी घोषणा
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने लोकसभा में इसकी जानकारी देते हुए बताया है कि वैसे लोग जिनको हाथ या आंख नहीं है, या जिनकी हाथों की रेखायें घिस चुकी है, अब वह भी अपना मेडिकल प्रमाण पत्र बनवा कर आधार कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं. अगर किसी की उंगलियों के निशान धुंधले हैं तो वह सिर्फ IRIS स्कैन के जरिए ही आधार कार्ड बनवा सकता है. ठीक उसी प्रकार यदि आयरिश स्कैन नहीं है, तो वह फिंगरप्रिंट के जरिए आधार के लिए आवेदन कर सकता है.
बाबूलाल पर भारी कर्मवीर! दिल्ली दरबार में एक और ऑपेरशन की तैयारी तो नहीं
झारखंड का नया खेल ईडी! आओ खेंले ईडी-ईडी, सीएम तो सीएम अब तो हर कोई खास खेल रहा यही खेल
आठवें समन के बाद बंद लिफाफा पहुंचा ईडी दफ्तर, झारखंड में एक बार फिर से सियासी हलचल तेज
Recent Comments