रांची(RANCHI)- नगरी स्थित दलादली चौक पर माकपा नेता सुभाष मुंडा की हत्या के बाद राज्य की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गये हैं, जहां प्रशासन के समक्ष अपराध के इस बढ़ते ग्राफ पर नियंत्रण पाने की गंभीर चुनौती है, वहीं भाजपा इसे हेमंत सरकार की विफलता से जोड़ कर देख रही है.
राजधानी रांची में तेजतर्रार अधिकारियों को नियुक्त करने की मांग
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मंराडी ने सरकार को निशाने पर लेते हुए राजधानी रांची से तुरंत घूसखोर अधिकारियों का तबादला कर तेज तर्रार अधिकारियों की नियुक्ति की मांग की है. उन्होंने कहा कि अभी चंद दिन पहले ही सीएम हेमंत ने विधि व्यवस्था की समीक्षा करने का दावा किया था, और राजधानी वासियों को इस बात का भरोसा दिलाने का प्रयास किया था कि अब सब कुछ सुधर जायेगा, लेकिन विधि व्यवस्था की समीक्षा और अधिकारियों को लगायी गयी फटकार का कोई असर होता नहीं दिख रहा है, हर दिन अपराधी अपने कारनामों से पुलिस के समझ एक नई चुनौती पेश कर रहे हैं, अपराधियों ने यह साबित कर दिया कि हेमंत सरकार की पुलिस उन पर नकेल लगाने की स्थिति में नहीं है. इधर हेमंत सोरेन विधि व्यवस्था की समीक्षा करते रहेंगे और उधर लाशें गिरते रहेगी.
अपने अपने हिस्से की लूट को संजोनें की चिंता में अधिकारी
बाबूलाल ने हेंमत सोरेन पर सीधा हमला करते हुए इस बात का दावा किया कि राज्य के अधिकारी अवैध खनन में संलग्न है, इस हालत में अधिकारियों का ध्यान कानून व्यवस्था के बजाय अपने अपने हिस्से की लूट को लेकर है.
अपराधियों ने सुभाष मुंडा को मारी थी सात गोलियां
ध्यान रहे कि माकपा नेता सुभाष मुंडा जब अपने साथियों के साथ दलादली चौक स्थित अपने कार्यालय में बैठकर वार्ता कर रहे थें, इसी बीच दो बाइक पर आये चार अपराधियों ने उन्हे गोलियों से भून डाला. सुभाष मुंडा को सात गोलियां लगी है, हालांकि हत्या की वजह क्या है, अभी इसकी जानकारी निकल कर सामने नहीं आयी है, पुलिस मामले की जांच में जुट गयी है.
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