धनबाद(DHANBAD): अब कोई भी रेल कर्मचारी या उनके आश्रित अपनी मर्जी के अनुसार अपना इलाज किसी भी अनुबंधित अस्पताल में करा पाएंगे. पहले रेलवे के डॉक्टर ही रेफर करते थे और रेफर अस्पताल में ही रेल कर्मियों को इलाज कराना पड़ता था. लेकिन अब मरीज स्वयं तय करेंगे कि उन्हें रेलवे से अनुबंधित किस अस्पताल में इलाज कराना है. जानकारी के अनुसार रेलवे बोर्ड ने रेफरल पोर्टल की शुरुआत कर दी है. रेलवे के मॉडल अस्पताल और रेलवे से अनुबंध अस्पताल के कर्मियों को रेफर पोर्टल के संबंध में ऑनलाइन ट्रेनिंग दे दी गई है. अब ऑफलाइन व्यवस्था पर रेलवे ने पूरी तरह रोक लगा दी है.
रेफरल पोर्टल की शुरुआत रेलवे बोर्ड ने कर दी है
ट्रेनिंग में कर्मियों को बताया गया है कि किस तरह से रेफर होने वाले मरीज की एंट्री पोर्टल पर की जानी है. पोर्टल में ऑनलाइन रेफर की प्रक्रिया में कहीं भी अनुबंध अस्पताल के नाम के चयन का विकल्प नहीं दिया गया है. रेलकर्मी या उनके आश्रित के कार्ड का नंबर का विवरण भरकर उन्हें रेफर किया जाएगा. इसके बाद रेलकर्मी अपनी मर्जी से अनुबंध अस्पताल में चाहेंगे, वहां अपना इलाज करा पाएंगे. अब बेहतर सेवा के आधार पर ही रेल कर्मी अस्पताल का चयन करने को स्वतंत्र होंगे. अगर धनबाद की बात की जाए तो फिलहाल धनबाद डिवीजन से 15 निजी अस्पताल अनुबंधित है. इसके अलावा तीन जांच घर में भी रेलकर्मी या उनके आश्रित कैशलेस जांच करा सकते है.
धनबाद के 15 अस्पतालों से रेलवे का करार
धनबाद रेल मंडल और दुर्गापुर मिशन अस्पताल के बीच कैशलेस इलाज का करार टूट गया है. रेलवे ने दुर्गापुर मिशन के साथ अपने एग्रीमेंट को आगे विस्तार नहीं दिया है. बकाया की वजह से दुर्गापुर मिशन अस्पताल पहले से ही मरीजों की भर्ती लेने में आनाकानी कर रहा था. इसमें रेल कर्मियों को एक परेशानी होगी कि पहले रेल कर्मचारी या उनके आश्रित आपातकालीन स्थिति में स्वयं रेलवे के अनुबंध अस्पताल में भर्ती हो जाते थे. बाद में उनका रेफर पेपर संबंधित चिकित्सक की अनुमति से बनाया जाता था. जिससे कि उस निजी अस्पताल में उनका कैशलेस इलाज हो सके. अब मरीज को हर हाल में रेलवे के डॉक्टर की सहमति से मेडिकल क्लर्क से ऑनलाइन रेफर करना होगा, तभी इलाज संभव हो पाएगा.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
Recent Comments