पलामू(PALAMU): सरकारी अस्पताल के लिए खरीदी गई दवाओं की जांच के लिए पलामू के सिविल सर्जन ने अपने पत्रक 153 दिनांक 2 जनवरी 2025 के द्वारा पलामू के औषधि निरीक्षक को पत्र लिख कर दवाओं की गुणवत्ता की जांच कराने का निर्देश दिया था. सिविल सर्जन डा अनिल कुमार ने औषधि निरीक्षक पलामू को पत्र लिख कर कहा था कि 2024- 25 में निविदा द्वारा खरीदी गई दवाओं की विवरणी साथ दी गई थी. डा अनिल कुमार ने बताया कि उन्होंने दवाओं की गुणवत्ता जांच का आदेश औषधि निरीक्षक को दिया. जिसके आलोक में उन्होंने दवाओं की जांच कराने का काम किया.

उन्होंने कहा कि उन्होंने पूरी पारदर्शिता के साथ एल वन होने वाले फर्म से दवा की खरीद की. मगर फर्म के द्वारा उपलब्ध कराई गई दवाओं की जांच उन्होंने इस लिए कराना उचित समझा कि जो दवा आपूर्ति की गई है, वह मानक के मुताबिक है या नहीं। उन्होंने कहा कि औषधि निरीक्षक ने जांच करने में देरी की. उन्होंने कहा कि उन्होंने खुद दवाओं की जांच का आदेश पत्र के साथ दवाओं की सूची भी दिया है, इसमें उन्होंने कहीं से कोई लापरवाही नहीं की है. सिविलसर्जन डा अनिल कुमार ने बताया कि अगर उनकी मनसा साफ नहीं होती तो वह औषधि निरीक्षक को दवाओं की सूची के साथ जांच का आदेश क्यों देते. उन्होंने कहा कि इस मामले में कुछ लोग उनके साथ षडयंत्र कर रहे हैं. इसकी जांच होने पर स्पष्ट हो जाएगा कि इसमें कौन गलत और कौन सही है. डा अनिल कुमार ने कहा कि आपूर्ति कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करेंगे.

खरीदी गई दावा मानक के अनुरूप नहीं

पलामू स्वास्थ्य विभाग की जांच में अब तक 21 दवा सबस्टैंडर्ड मिले है. सोमवार को 18 दवा सब स्टैंडर्ड पाया गया था. पलामू ड्रग इंस्पेक्टर को मिले रिपोर्ट में अब इसकी सूची बढ़कर 21 तक पहुंच गई है. पलामू के ड्रग इंस्पेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग के स्टोर रूम एवं तरहसी सीएचसी से 62 अलग-अलग प्रकार की दवा का सैंपल लिया था. सभी दवा को जांच के लिए सेंट्रल लैब कोलकाता भेजा गया था. सेंट्रल लैब की तरफ से धीरे-धीरे रिपोर्ट उपलब्ध करवाई जा रही है. इस रिपोर्ट में अब तक 21 दवाओं को सब स्टैंडर्ड पाया गया है. सभी दवा मानक के अनुरूप नहीं हैं और मरीज को यह नुकसान पहुंचा सकते थे. यह जांच पलामू के सिविलसर्जन डा अनिल कुमार के पत्र के आलोक में कराई गई है.

पलामू के औषधि निरीक्षक कैलाश मुंडा ने बताया कि कई दवाओं की रिपोर्ट आना बाकी है. अब तक 21 दवा सब स्टैंडर्ड मिली है. उन्होंने बताया कि 46 दवाओं की रिपोर्ट जल्द आने की उम्मीद है. डर अनिल कुमार ने बताया कि गुजरात की एक कंपनी ने टेंडर के बाद दवा सप्लाई का कार्य शुरू किया था. पलामू स्वास्थ्य विभाग ने सप्लाई हुए दवाओं का सैंपल लिया था और जांच के लिए भेज दिया था. पलामू स्वास्थ्य विभाग ने पूरे मामले में कार्रवाई के लिए भी लिखा है. कंपनी से दवाओं को वापस लेने के लिए भी कहा है. पलामू स्वास्थ्य विभाग के सिविलसर्जन के अनुसार यह दवा मरीजों के बीच वितरण नहीं किया गया था, बल्कि जिला के स्टोर रूम और सीएचसी के स्टोर रूम में रखा गया था. क्योंकि जनवरी में जांच के लिए औषधि निरीक्षक को पत्र लिख कर दवाओं की जांच का आदेश दिया गया था. जांच रिपोर्ट सही आने के बाद ही दवाओं को वितरण किया जाता.