रांची(RANCHI)- हालांकि 2024 की जंग अभी दूर है, लेकिन लगता है कि देश के दूसरे हिस्सों की तरह ही झारखंड में भी हिन्दू मुसलमान का खेल शुरु हो चुका है. एक मुस्लिम विधायक के द्वारा किसी मंदिर का शिलान्यास करने पर उसे सामाजिक धार्मिक समरसता का अग्रदूत बताने के बजाय उसके तिलक पर सवाल खड़े किये जाने लगे हैं, जीभ काटने की धमकी दी जाने लगी है.
झारखंड भाजपा को ललाट पर तिलक पोंछने से एतराज
दरअसल कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी के द्वारा कुछ दिन पहले एक मंदिर का शिलान्यास किया गया था, इसी समारोह में उनके ललाट पर तिलक लगाया गया था. जिसे कुछ देर के बाद पोंछ डाला गया, आपको इसमें कुछ भी विवादित नजर नहीं आ रहा होगा, क्योंकि अमूमन कई हिन्दू भी तिलक को बहुत देर तक अपने ललाट पर नहीं रखतें, लेकिन झारखंड भाजपा को ललाट पर तिलक पोंछने से एतराज है.
आदिवासी इतना तेज कैसे हो सकता है पर बवाल
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मंराडी ने इरफान अंसारी के द्वारा तिलक पोंछने का वीडियो सोशल मीडिया पर जारी करते हुए इसे हिन्दूओं का अपमान बताया. उन्होंनों लिखा कि हिन्दूओं की ओर से 2024 में इसका बदला जरुर लिया जायेगा. अभी भाजपा इस तिलक विवाद को तूल देने में जुटी ही थी कि इरफान अंसारी ने विधान सभा के अन्दर एक बार फिर से बाबूलाल को अपने लपेटे में ले लिया. उन्होंने बाबूलाल पर तंज कसते हुए कहा कि आप तो एक सेक्लूयर सोच वाले इंसान रहे हैं. दलित आदिवासी और अल्पसंख्यकों के हक हकूक के लिए आवाज उठाते रहे हैं, इसके बदले में आदिवासी दलित और अल्पसंख्यकों ने आपको अपना कीमती मत प्रदान कर इस मुकाम तक पहुंचाया, लेकिन यह क्या हो गया कि भाजपा में घुसते ही आप पर नफरती रंग चढ़ गया. अब तो वह इसी आदिवासी मूलवासी और अल्पसंख्यकों के खिलाफ काम करते नजर आने लगे हैं, दलित आदिवासी के अधिकारों की रक्षा करने के बजाय थैलीशाहों की वकालत करने लगे हैं. इसी क्रम में वह आगे यह भी बोल गये कि एक आदिवासी इतना तेज कैसे सकता है. इस तेज वाले बयान पर भाजपा की ओर से आपत्ति प्रकट की गयी, जिसके बाद एक बार फिर से इरफान सामने आये और कहा कि आपको इसका संदर्भ भी समझने की जरुरत है. उस संदर्भ को समझने बाद ही इस तेज का सही अभिप्राय समझ में आयेगा. इरफान ने कहा कि यहां तेज का अभिप्राय अभिप्राय धोखा और गद्दारी से था, हम आदिवासी समाज की प्रतिभा, ईमानदारी और सादगी पर कोई सवाल खड़ा नहीं कर रहे थें, लेकिन भाजपा इस सफाई से संतुष्ट नहीं थी, उसकी ओर से इसे राजनीतिक मुद्दा बनाने की कोशिश की गयी, और एक रणनीति के तहत पांकी विधायक पांकी विधायक शशिभूषण मेहता को आगे किया गया, शशिभूषण मेहता ने इरफान अंसारी पर सीधा हमला बोलते हुए जीभ काटने की धमकी दे डाली, उन्होंने कहा कि यदि इस मामले में इरफान अंसारी ने माफी नहीं मांगी तो उसे सदन के बाहर पटक कर मारा जायेगा.
साफ है कि तिलक और इरफान को आगे कर भाजपा की कोशिश 2024 के पहले हिन्दू मुसलमान का खेल खेलने की है, अब देखना होगा कि रघवुर भाजपा, बाबूलाल भाजपा, और अर्जून भाजपा के साथ ही कई और टूकडों में बंटी भाजपा सिर्फ इस हिन्दू मुसलमान के खेल के सहारे हेमंत सरकार को पटकनी देने में कामयाब होती है या वास्तव में जन मुद्दों के साथ जुड़ कर जनता का विश्वास जीतती की कोशिश करती है.
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