Ranchi- कभी सत्ता के गलियारों में अपने हनक के दम पर अधिकारियों और राजनेताओं का चेहता बने प्रेम प्रकाश की मुसीबत कम होती नजर नहीं आ रही है. अधिकारियों के तबादले से लेकर जमीन और खनन घोटले में उसकी भूमिका के दावे किये जा रहे हैं. इन्ही आरोपों की जांच के क्रम में हरमू स्थित उसके आवास से दो AK-47 भी बरामद किया गया था. जिसके बाद आखिरकार उसे अवैध खनन मामले में 25 अगस्त 2022 को गिरफ्तार कर बिरसा मुंडा केन्द्रीय कारा भेज दिया गया. और साल 11 अगस्त उसे जमीन घोटाले में एक बार फिर से गिरफ्तार कर लिया गया.

जेल में भी कायम है प्रेम प्रकाश का जलबा

लेकिन अब ईडी का दावा है कि प्रेम प्रकाश जेल में रहकर भी अपना साम्राज्य कायम किये हुए हैं, जेल में जाने के बाद भी उसके रसूख और तेवर में कोई बदलाव नहीं हुआ है. आज भी जेल में उसकी दरबार सजती है, और वह उसी जेल में अधिकारियों को आदेश जारी करता है, और अधिकारी भी छुपते छूपाते उससे मिलने के लिए जेल आते हैं.

लेकिन सबसे अधिक चौंकने वाला दावा यह है कि प्रेम प्रकाश जेल में बंद रहकर भी ईडी अधिकारियों को सलटाने की तैयारी में था, वह एक साथ कई फ्रंट पर काम कर रहा था. एक तरफ वह नक्सलियों और आपारधिक गिरोहों से साथगांठ कर ईडी अधिकारियों को रास्ते से हटाने का प्लानिंग तैयार कर रहा था, तो दूसरी ओर वह कुछ ऐसी महिलाओं की खोज में था, जो सीधे सीधे इन जांच अधिकारियों पर बलात्कार और यौन शोषण का गंभीर आरोप लगा सके. दावा किया जाता  है कि उसकी प्लानिंग जांच अधिकारियों के  विरुद्ध गंभीर धाराओं में  मामला दर्ज करवाना था, ताकि इन जांच अधिकारियों को तत्काल गिरफ्तार कर उसी जेल में लाया जा सके, जहां आज खुद प्रेम प्रकाश पड़ा है.

बताया जा रहा है कि समय रहते ईडी अधिकारियों को अपने खिलाफ तैयार हो रहे इस खतरनाक साजिश की बू लग गयी और जैसे ही ईडी को इस खतरनाक प्लानिंग की जानकारी मिली, उनके सांप सूंघ गयें, क्योंकि ईडी ने तो इस बात की कल्पना भी नहीं की थी कि प्रेम प्रकाश इस हद तक खतरनाक प्लानिंग करता है.

ईडी का दावा खतरनाक साजिश का हिस्सा

हालांकि अभी तक यह सिर्फ आरोप हैं, जो ईडी की ओर से लगाया गया है, सरकार का दावा इसके ठीक उलट है, झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य  ने  ईडी के इन तमाम आरोपों को एक खतरनाक सियासी षडयंत्र का हिस्सा बताया है, उनका दावा है कि यदि ईडी के पास कोई ऐसा साक्ष्य हैं, तो उसे वह सार्वजनिक करें, जेल में छापेमारी के  दौरान अधिकारियों के हाथ कौन सा जादुई हथियार निकल आया, जिसके आधार इस तरह के दावे किये जा रहे हैं, उसकी जानकारी तो होनी चाहिए. लेकिन दिक्कत है कि यह तमाम दावे ईडी की ओर से नहीं होकर भाजपा के द्वारा किया जा रहा है, जिस प्रकार के बयान भाजपा के द्वारा दिये जा रहे हैं, उससे तो लगता है कि भाजपा ही ईडी की प्रवक्ता बन गयी है,  और ईडी अपनी एक एक जानकारियां सबसे पहले भाजपा कार्यालय तक पहुंचा रही है. हालांकि इस बीच खबर यह है कि ईडी अपने सभी साक्ष्य को पीएमएलए कोर्ट में पेश करने की तैयारी में है, इसके साथ की इन साक्ष्यों को केन्द्रीय गृह विभाग भेजने की तैयारी की जा रही है, ताकि प्रेम प्रकाश और अमित अग्रवाल को झारखंड से बाहर दूसरे जेल में शिफ्ट किया जा सके.  

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