Ranchi-आम रुप से हेमंत सोरेन की छवि एक उदार, शांत, मृदुल और मिलनसार राजनेता की रही है. सार्वजनिक रुप से उन्हे गुस्से में कम ही देखा जाता है. हालांकि कई बार वह भाजपा के खिलाफ आक्रमक जरुर नजर आते हैं, लेकिन इसके सिवा उनका कोई तल्ख चेहरा सामने नहीं आता. वह बेहद शांत तरीके से पूरे इत्मीनान के साथ मीडिया के सवालों का जवाब देते रहे हैं, यह स्थिति सिर्फ सीएम बनने के बाद की नहीं है, विपक्ष के नेता रहते हुए भी हेमंत सोरेन ने आम रुप से अपनी सौम्यता को कभी भी नहीं तोड़ा.
बदले नजर आ रहे सीएम के भाव
लेकिन हालिया दिनों में उनकी भाव भंगिमा बदलती नजर आने लगी है. मीडिया के सवालों पर वह फोकस करने के बजाय चालू जवाब देते हुए नजर आ रहे हैं. ऐसा लगता है कि जिस मीडिया का सामना झारखंड की सियासत में करते रहे हैं, उसकी निष्पक्षता और वस्तुनिष्ठता पर उन्हे गंभीर संदेह है, वह यह मान कर चल रहे हैं कि यह मीडिया कभी भी उनके पक्ष को उस रुप में प्रस्तूत नहीं करेगा, जिस रुप में वह सामने लाने की चाहत रखते हैं, इस हालत में इस मीडिया के सवालों का जवाब देने में बहुत ज्यादा समय की लगाने का कोई विशेष लाभ नहीं है.
मीडिया के सवालों को ज्यादा तवज्जों नहीं दे रही सीएम
कुछ यही हालत कल के उनके दुमका दौरे की रही. सीएम हेमंत वहां भी मीडिया के सवालों को बहुत ज्यादा तवज्जो देते हुए दिखलाई नहीं पड़े. जब उनके सामने यह सवाल दागा गया कि कांग्रेस की ओर से झारखंड में 9 सीटों पर अपनी दावेदारी की जा रही है, क्या इस हालत में झामुमो कांग्रेस के साथ गठबंधन का हिस्सा रहेगा. साफ था कि सवाल का लहजा ही इंडिया गठबंधन में दरार पैदा करने की कोशिश जैसा था. जैसे सवालकर्ता को यह पूरा विश्वास हो कि यह इंडिया गठबंधन अपनी मयाद पूरी नहीं करने वाला है और 2024 के पहले ही भानूमति का कुनबा बिखर जायेगा. कुछ-कुछ यही प्रतिध्वनी उस प्रश्न से बाहर आ रही थी. इस सवाल के सामने आते ही सीएम हेमंत इसे टाल कर बढ़ने की कोशिश करते नजर आये, लेकिन बाद भी जब यही सवाल दुहराया गया तो उन्होंने सपाट लहजों में पूछा कि यह खबर आपको कहां से लगी. किसने बताया कि कांग्रेस 9 सीटों की मांग कर रही है. आपकी जानकारी की स्त्रोत क्या है. हालांकि बाद में इसकी सफाई देते हुए सीएम हेमंत ने कहा कि जो कुछ भी होगा आपस में बैठ कर इसका समाधान कर लिया जायेगा, और आप सबों को इसकी जानकारी देने की कोई जरुरत महसूस नहीं होती.
सरकार को बदनाम करने के लिए ईडी का लिया जा रहा सहारा
इसके बाद अरविंद केजरीवाल को मिले ईडी की नोटिस के संबंध में सवाल दागा गया, इस सवाल को सीएम हेमंत ने कहा कि इसमें नयी बात क्या है, यही तो हम बताने की कोशिश करते रहे हैं, कि जहां-जहां भी गैर भाजपा की सरकार है, वहां की सरकारों को बदनाम करने के लिए ईडी और दूसरी एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है, अरविंद केजरीवाल के खिलाफ भी वही प्रयोग किया जा रहा है, जो झारखंड में हमारे साथ हुआ है.
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लेकिन इस तमाम सवालों और उसके जवाबों से एक बात साफ दिखने लगा कि सीएम हेमंत झारखंड की मीडिया को बहुत अधिक तवज्जों देने के मुड में दिखलाई नहीं पड़ते, उनका मानना है कि यह मीडिया इरादतन उनके खिलाफ वैसी खबरों को प्रमुखता देती है, जिससे की उनकी छवि को नुकसान पहुंचाया जा सकें.
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