धनबाद(DHANBAD):  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को एक बार फिर बिहार आ रहे है.  वह बिहार में कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे.  इधर, कल प्रधानमंत्री के दौरे के पहले एनडीए के सहयोगी केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने एक बार फिर कहा है कि अगर उन्हें 15 सीट  नहीं मिली तो अकेले ही उनकी पार्टी 100 सीटों पर चुनाव लड़ जाएगी.  बिहार के हर विधानसभा क्षेत्र में उनकी पार्टी के 10 से 15 हज़ार  वोटर है.  ऐसे में उन्हें 15 सीट  मिलनी ही चाहिए.  उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी का लक्ष्य हर हाल में मान्यता प्राप्त दल बनना  है.  इसके लिए पार्टी को कम से कम 8 सीट  जितनी होगी.  छह प्रतिशत  वोट मिलेगा, तभी यह संभव हो सकता है.  इसलिए उन्हें 15 सीट  दिया  जाए.  उन्होंने कहा कि पार्टी के बने 10 साल हो गए और अब तक निबंधित  पार्टी बने रहना, उनके लिए अपमानजनक है. 

जीतन राम मांझी ने भी बढ़ा दिया है एनडीए का टेंशन 

 बोधगया में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने यह बात कही.  जीतन राम मांझी की  इस मांग को लेकर बीजेपी और जेडीयू पर दबाव निश्चित रूप से बढ़ गया है.  सीट बंटवारे के पहले जीतन राम मांझी ने अपनी बात साफ कर दी है.  इससे पहले उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी को 20 से 40 सीट  मिलनी चाहिए, अब 15 सीट पर आ गए है.  एनडीए में भाजपा, जदयू, चिराग पासवान की लोजपा , जीतन राम मांझी की पार्टी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी शामिल है.  2020 के चुनाव में जीतन राम मांझी एनडीए के हिस्सा थे और 7 सीटों पर चुनाव लड़ा था.  चार में जीत मिली थी.  इस बार मांझी सीट  का आंकड़ा 15 तक ले जाने की कोशिश में लगे है.  इधर, महागठबंधन की अगर बात की जाए तो बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुजफ्फरपुर में कहा कि हम सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. 

नेता प्रतिपक्ष के बयान से महागठबंधन में भी खलबली 

 नेता प्रतिपक्ष के इस बयान के बाद महागठबंधन में खलबली मच गई.  एनडीए के घटक बीजेपी और जदयू के नेताओं ने  कहा है कि यह फुट का परिणाम है.  अब राजद  और कांग्रेस की प्रवक्ता इस पर सफाई दे रहे है.  मुजफ्फरपुर में भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण करने आए तेजस्वी यादव ने खुले मंच से कहा कि सभी 243 सीटों पर राजद  चुनाव लड़ेगा.  इस पर भाजपा और एनडीए रेस हो गया है.  बीजेपी के नेता का कहना है कि तेजस्वी यादव दिन में सपने देखना छोड़ दे.  कितनी भी सीटों पर उम्मीदवार दे , लेकिन कोई फायदा नहीं ही.  सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का दम राजद  में नहीं है.   कांग्रेस पर दबाव बनाने की राजनीति वह कर रहे है.  तेजस्वी यादव कह  रहे कि उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर दिया जाए, लेकिन किसी को उनके चेहरे पर भरोसा नहीं है. कांग्रेस भी इसीलिए बच रही है.  उनके चेहरे पर कई दाग लगे हैं, जदयू प्रवक्ता का कहना है कि तेजस्वी यादव का यह बड़बोलापन है. 

भाजपा और जदयू को हमला बोलने का मिल गया है मौका 
 
उनकी राजनीतिक विरासत में सिर्फ घपले और घोटाला है.  उनका बयान अहंकार भरा है.  उनके साथी दलों को सोचना  चाहिए कि ऐसा बयानों से वह क्या जताना चाहते हैं? दूसरी ओर राजद और कांग्रेस उनके बचाव में उतर गए है.  राजद  प्रवक्ता का कहना है कि तेजस्वी यादव ठीक कह  रहे है.  गठबंधन के सभी दल 243 सीटों पर चुनाव की तैयारी कर रहे है.  वह महागठबंधन के नेता हैं, उनके चेहरे पर जनता वोट करेगी और महागठबंधन की सरकार बनाएगी, कांग्रेस प्रवक्ता ने भी इसका समर्थन किया है और कहां है कि इंडिया गठबंधन एकजुट है.  अब वोट चोरो  की सरकार नहीं चलेगी.  दरअसल, तेजस्वी यादव का यह बयान दबाव की राजनीति के रूप में देखा जा रहा है.  राजद ने तो तेजश्वी यादव को  मुख्यमंत्री चेहरा घोषित कर चुका है, जबकि कांग्रेस की ओर से इस पर मुहर  नहीं लगाई जा रही है.  लेकिन तेजस्वी यादव संकेतो  में खुद को सीएम फेस  बता रहे है. 

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो