TNP DESK: चुनाव के पहले बिहार की राजनीति "कुम्भार की चाक" की तरह घूम रही है. मुद्दे तलाशे जा रहे हैं, सिक्के उछाले जा रहे है. इधर, जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने एक बार फिर "राइट टू रिकॉल" के सिक्के को मजबूती से उछाल दिया है. यह अलग बात है कि पार्टी की घोषणा के पहले से ही प्रशांत किशोर इसका समर्थन कर रहे है. संपूर्ण क्रांति के नायक जयप्रकाश नारायण ने भी जब आंदोलन की शुरुआत की थी , तो "राइट टू रिकॉल" की बात हुई थी. उस समय तो नीतीश कुमार और लालू प्रसाद ने भी इसका समर्थन किया था. लेकिन बाद में मामला लटक गया.
इस बार प्रशांत किशोर इस मामले को जोर-जोर से उठा रहे हैं और कह रहे हैं कि अगर ढाई साल तक कोई भी जन सुराज का निर्वाचित प्रतिनिधि जनता के उम्मीद पर खरा नहीं उतरेगा, तो उसपर पार्टी स्तर पर "राइट टू रिकॉल" का नियम लागू किया जाएगा. इसके लिए चुनाव लड़ने से पहले उनसे एक शपथ पत्र भी लिया जाएगा. यह अलग बात है कि विधायक और सांसद को वापस बुलाने का नियम बहुत जटिल है. यह भी कहा जा रहा है कि जयप्रकाश नारायण ने जिस उद्देश्य के साथ आंदोलन की शुरुआत की थी. वह उद्देश्य पूरा नहीं हो सका. प्रशांत किशोर का कहना है कि जो भी जनप्रतिनिधि जनसुराज से जितता है, किसी कारणवश जनता की उम्मीद पर खरा नहीं उतरता है, तो जनता के पास यह विकल्प होगा कि जनता उसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित कर सकती है.
इसके तहत मतदाता अपने प्रतिनिधि के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाती है , तो जनसुराज उस प्रतिनिधि को इस्तीफा देने पर मजबूर कर देगा. वैसे तो प्रशांत किशोर के उठाए मुद्दों पर अन्य दल भी अब बोलने लगे है. शिक्षा पर बात करने लगे हैं, पलायन रोकने की बात कह रहे हैं, लेकिन अभी जनसुराज के अलावे किसी भी दल में "राइट टू रिकॉल" पर कोई बात नहीं हो रही है. खैर यह तो हुई, राइट टू रिकॉल की बात, लेकिन बिहार में राजनीति कई तरह से तेज हो गई है. यूट्यूब के पत्रकार के साथ मारपीट के मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव रेस हो गए है. वह पटना से दरभंगा पहुंच गए और थाने में अपने सामने एफआईआर दर्ज कराये है. आरोप लगाया कि नीतीश कुमार के मंत्री जीवेश मिश्रा ने यूट्यूब के पत्रकार की पिटाई करवाई है. उन्होंने कहा कि पत्रकार को न्याय दिलाने के लिए आंदोलन करेंगे.
रविवार को दरभंगा में मंत्री जीवेश मिश्रा की गाड़ी पर हमले की खबर थी. मंत्री के सुरक्षाकर्मियों की ओर से भी शिकायत थाने में की गई थी. लेकिन उसके बाद तेजस्वी यादव पटना से दरभंगा पहुंच गए. कहा कि पिछड़े समाज के पत्रकार पर हमला किया गया है. तेजस्वी यादव ने कहा कि इस मामले में मंत्री जीवेश मिश्रा और मिथिलेश यादव को भी आरोपी बनाया गया है. थानेदार से कहा कि मैं गवाह हूं कि मंत्री विधानसभा में भी गाली गलौज करते है. उन्होंने मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की. तेजस्वी यादव ने कहा कि पुलिस ने प्राथमिक दर्ज नहीं की तो पटना से दरभंगा आना पड़ा. अगर न्याय नहीं मिला तो बिहार को बंद होगा. वैसे नीतीश कुमार के मंत्री भी प्रशांत किशोर के निशाने पर भी है.
प्रशांत किशोर का दावा है कि बिहार के लोगों को अब तिसरा विकल्प मिल गया है. अभी तक बिहार के लोग लालू प्रसाद के डर से नीतीश कुमार को वोट करते थे और भाजपा के डर से लालू प्रसाद को वोट करते थे. लेकिन अब उन्हें एक विकल्प मिल गया है. वैसे प्रशांत किशोर की बातों का असर जनता पर कितना पड़ रहा है और आगे कितना पड़ेगा, यह तो चुनाव का परिणाम बताएगा , लेकिन यह बात तय है कि बिहार की राजनीति थोड़ी अलग दिखनी शुरू हो गई है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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