भागलपुर (BHAGALPUR) : गंगा नदी का जलस्तर लगातार खतरे के निशान के ऊपर बना हुआ है और इसका सीधा असर सुल्तानगंज प्रखंड के महेशी पंचायत के मोतीचक और कल्याणपुर जैसे दियारा क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है, जहां बाढ़ का पानी अब घरों के अंदर घुसने लगा है. ऐसे में लोग मजबूर होकर अपना घर-द्वार छोड़कर ऊंची जगहों की ओर पलायन करने को मजबूर हैं.
स्थानीय लोगों का कहना है कि अब तक जिला प्रशासन या प्रखंड स्तरीय कोई भी पदाधिकारी राहत कार्य लेकर नहीं पहुंचे हैं. बाढ़ पीड़ितों द्वारा बार-बार संपर्क करने के बावजूद प्रखंड कार्यालय में फोन नहीं उठाया जा रहा.
हर साल की यही त्रासदी
बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों का कहना है कि हर साल तीन से चार महीने तक ये गांव गंगा की बाढ़ की चपेट में रहते हैं. इस दौरान जीने के लिए जुगाड़ की नाव बनानी पड़ती है, बाजार तक पहुंचने के लिए टीन की चादरों से बनाई नावों पर निर्भर रहना पड़ता है, जो जानलेवा भी साबित हो सकती है.
“केवल वोट के समय आते हैं नेता”
करीब 70 बाढ़ पर्चाधारी परिवारों का आरोप है कि उन्हें आज तक न तो बसाया गया, न ही कोई स्थायी राहत दी गई है. “चुनाव के वक्त नेता वादों का पुलिंदा लेकर आते हैं, लेकिन बाद में दर्शन तक नहीं देते,” बता दें की गांव चारों ओर से गंगा के पानी से घिरा हुआ है. ऐसे में बच्चों की तबीयत बिगड़ने पर भी न डॉक्टर आते हैं, न दवाएं पहुंचती हैं.
इस स्थिति में अब तक किसी भी सरकारी राहत शिविर की व्यवस्था नहीं की गई है. प्रशासनिक लापरवाही से गांव के लोग न सिर्फ बेघर हो रहे हैं, बल्कि उनकी जान भी जोखिम में है.
Recent Comments