पूर्णिया(PURNIYA):बिहार को 15 सितंबर को एक और बड़ी सौगात मिलने जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्णिया एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे. यह एयरपोर्ट न सिर्फ बिहार बल्कि पश्चिम बंगाल और नेपाल के लोगों के लिए भी लाभकारी साबित होगा.पटना, गया और दरभंगा के बाद यह बिहार का चौथा बड़ा एयरपोर्ट होगा.खास बात यह है कि पूर्णिया एयरपोर्ट का रनवे बिहार का सबसे लंबा है. उद्घाटन के दिन से ही यहां से पहली वाणिज्यिक उड़ान अहमदाबाद के लिए रवाना होगी, जिसके टिकटों की बुकिंग पहले ही शुरू हो चुकी है.
लंबा संघर्ष, अब जाकर सपना हुआ पूरा
पूर्णिया एयरपोर्ट का सफर कई दशकों का है.1963: भारत-चीन युद्ध के बाद चूनापुर में एयरबेस बनाया गया.1971: भारत-पाक युद्ध के दौरान इसे सेकेंडरी डायवर्जन एयर फील्ड के रूप में इस्तेमाल किया गया.1976: यहां से कोलकाता के लिए यात्री सेवा शुरू हुई, लेकिन दो साल बाद ही बंद हो गई.2012: एक बार फिर वाणिज्यिक उड़ान की शुरुआत हुई, पर वह भी अल्पकालिक रही.2022: सिविल टर्मिनल के लिए एयरफोर्स कैंपस से सटे 52.2 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया और अब यह एयरपोर्ट पूरी तरह तैयार है.राज्यसभा सांसद संजय झा के मुताबिक, यह परियोजना उड़ान योजना के तहत शुरू हुई थी, लेकिन इसमें अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की सभी योग्यता मौजूद है.
सीमांचल और पड़ोसी राज्यों को फायदा
पूर्णिया एयरपोर्ट शुरू होने से न सिर्फ सीमांचल बल्कि पश्चिम बंगाल और नेपाल के लोगों को भी सीधी उड़ानों का लाभ मिलेगा. पूर्णिया पहले से ही ऑटोमोबाइल, शिक्षा और मखाना का हब माना जाता है. अब एयर कनेक्टिविटी मिलने से यहां व्यापार, पर्यटन और निवेश को नई उड़ान मिलने की उम्मीद है.
राजनीतिक मायने भी अहम
पूर्णिया एयरपोर्ट का उद्घाटन ऐसे समय में हो रहा है जब बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक है. सीमांचल में कुल 24 विधानसभा सीटें है. ऐसे में माना जा रहा है कि इस एयरपोर्ट का उद्घाटन आगामी चुनावों में एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा भी बन सकता है.एयरपोर्ट बनने से सीमांचल और आसपास के इलाकों में विकास की रफ्तार तेज होने की उम्मीद है और लोग इस सपने के साकार होने पर बेहद उत्साहित है.
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