दरभंगा(DARBHANGA): दरभंगा ज़िले के सिंहवाड़ा थाना क्षेत्र में एक महिला द्वारा विपक्ष के दिग्गज नेताओं पर दर्ज कराई गई एफआईआर ने बिहार की सियासत में भूचाल ला दिया है. शिकायत में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, पूर्व विधायक ऋषि मिश्रा, राज्यसभा सांसद संजय यादव और कांग्रेस नेता मस्कूर अहमद उस्मानी समेत कई लोगों के नाम शामिल किए गए है.
महिला का आरोप
वार्ड संख्या सात की निवासी गुड़िया देवी, पत्नी मिथिलेश भगत, ने पुलिस को दिए आवेदन में कहा है कि ‘माई-बहिन मान योजना’ के नाम पर भोली-भाली महिलाओं को ठगा जा रहा है. गुड़िया देवी के मुताबिक, कुछ दिन पहले कथित कार्यकर्ता उनके घर पहुँचे और दावा किया कि इस योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 2,500 की आर्थिक सहायता दी जाएगी. मोहल्ले की महिलाओं से आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और 200 नकद लेकर फॉर्म भरवाया गया. बाद में उनके पति ने हक़ीक़त बताई कि ऐसी कोई सरकारी योजना अस्तित्व में ही नहीं है.
पुलिस की कार्रवाई
गुड़िया देवी ने थाने में आवेदन देकर आरोप लगाया कि यह पूरा खेल विपक्षी नेताओं के नाम पर रचा गया, ताकि ग्रामीण महिलाओं से ठगी की जा सके.सिंहवाड़ा थाना प्रभारी बसंत कुमार ने पुष्टि की है कि एफआईआर दर्ज कर ली गई है और मामले की जाँच शुरू हो चुकी है.
विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया
एफआईआर दर्ज होते ही राजनीतिक हलचल तेज हो गई है.कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी मस्कूर अहमद उस्मानी ने इन आरोपों को पूरी तरह झूठा और सत्ता-प्रेरित बताया.उन्होंने कहा, “यह साज़िश भाजपा और सत्ता पक्ष की तरफ़ से रची गई है. हमें फर्जी मुक़दमे में फँसाकर डराने की कोशिश हो रही है लेकिन हम जनता के हक़ की लड़ाई से पीछे नहीं हटेंगे. उस्मानी ने आरोप लगाया कि एक आशा कार्यकर्ता महिला और उसके पति के साथ मिलकर सत्ता पक्ष ने यह मामला दर्ज कराया है.
सियासी असर
यह मामला न केवल दरभंगा बल्कि पूरे बिहार की राजनीति में चर्चा का विषय बन गया है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चुनावी साल में विपक्षी नेताओं पर इस तरह की कार्रवाई आने वाले दिनों में सियासी तापमान और बढ़ा सकती है.
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