धनबाद(DHANBAD): देश की कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया की मानकीकरण की हुई बैठक में परफॉर्मेंस लिंक्ड बोनस स्कीम लाने की मैनेजमेंट की योजना फिलहाल अगली बैठक के लिए टाल दी गई है. मजदूर संगठनों के विरोध की वजह से ऐसा किया गया है. लेकिन खतरा अभी भी टला नहीं है. मजदूर संगठन प्रोडक्शन आधारित बोनस की वकालत कर रहे है. कह रहे हैं कि वैसे तो कोई परिवर्तन नहीं होना चाहिए, लेकिन अगर करना ही है तो प्रोडक्शन आधारित बोनस का सिस्टम लागू किया जाए. तर्क दिया जा रहा है कि उत्पादन का लगातार अपवार्ड ट्रेंड है. कोयलाकर्मियों के हित में यह एक बड़ा फैसला हुआ कि सेटलिंग भत्ता , जो ₹12000 मिलता था, अब उसे ₹20,000 करने पर सहमति बन गई है.
सेटलिंग भत्ता बढ़ाने पर सहमति लेकिन अभी फंसा है पेंच
लेकिन अभी भी इसमें पेंच है. पेंच यह है कि कोल् इंडिया बोर्ड से इसकी अनुमति लेनी होगी. रिटायरमेंट के समय यह भत्ता मिलता है. कर्मचारियों के मेडिकल अटेंडेंट के नियम में भी संशोधन करने पर सहमति बन गई है. इलाज के लिए रेफर कर्मियों के साथ अटेंडेंट के भी आने जाने का खर्च अब मिलेगा. जो अस्पताल कोल इंडिया से पंजीकृत नहीं है, वहां इलाज कराने पर केंद्रीय दर पर भुगतान करने पर भी सहमति बन गई है. सबसे बड़ी बात यह हुई है कि मजदूर संगठनों और मैनेजमेंट के बीच तय हुआ कि 2025 के दुर्गा पूजा का बोनस प्रबंधन और यूनियन नेताओं के बीच बैठक में ही तय होगा. जल्दीबाजी में ही सही, लेकिन 22 सितंबर को बैठक की तिथि तय कर दी गई है. 22 सितंबर से ही दुर्गा पूजा प्रारंभ हो रहा है.
अनुकंपा पर आश्रितों के नियोजन का भी विरोध
बताया जाता है की अनुकंपा पर आश्रितों के नियोजन के लिए बने नियम का भी मजदूर संगठनों ने विरोध किया है. इसके बाद प्रबंधन ने पूरे मामले को एक कमेटी बनाकर निर्णय लेने की बात पर सहमति जताई. बताया जाता है कि अनुकंपा पर नौकरी का जो नियम था , उसमें कई परिवर्तन किए गए है. आरोप है कि इसे लागू करने पर नियोजन की प्रक्रिया जटिल हो जाएगी. खैर, दुर्गा पूजा के बोनस की तिथि पहले ही घोषित होने पर कोयलाकर्मी आश्चर्य व्यक्त कर रहे है. 2024 में कोयलाकर्मियों को 93 , 750 रुपए बोनस मिले थे. तिथि तय होने के बाद कर्मचारी दुविधा में है कि राशि बढ़ेगी या स्थिर रहेगी. कोल इंडिया में दुर्गा पूजा का बोनस कर्मचारियों का आकर्षण रहता है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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