धनबाद (DHANBAD): विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर धनबाद के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीरेन्द्र कुमार तिवारी ने सिविल कोर्ट धनबाद परिसर में पौधरोपण कर पर्यावरण की रक्षा का संदेश लोगों को दिया. सिविल कोर्ट धनबाद में जिला विधिक सेवा प्राधिकार धनबाद द्वारा आयोजित कार्यक्रम मे प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीरेन्द्र कुमार तिवारी ने,बागवानी व सफाई करने वाले सिविल कोर्ट के चार कर्मियों को मोमेंटो देकर पुरस्कृत किया. वहीं नगर निगम की टीम के द्वारा कचरा प्रबंधन के विषय में जानकारी दी गई.
इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए न्यायाधीश वीरेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि आज वह एक न्यायाधीश के रूप में नहीं, बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक और पृथ्वी पुत्र के नाते आपसे संवाद कर रहे है. संविधान का अनुच्छेद 21 हमें जीवन का अधिकार देता है, पर ऐसा जीवन जो सम्मानजनक हो, जो स्वच्छ वायु और निर्मल जल से समृद्ध हो. यह अधिकार तब तक अधूरा है, जब तक पर्यावरण सुरक्षित नहीं. आज जब संपूर्ण विश्व, विश्व पर्यावरण दिवस मना रहा है, तो यह केवल एक दिन नहीं, बल्कि एक चेतावनी है , एक पुकार है कि हम जागें, संभलें और संकल्प ले. हम जिस धरती पर चलते हैं, जिस वायु में साँस लेते हैं, जिस जल से जीवन पाते हैं , वह सब आज संकट में है. और जब प्रकृति संकट में होती है, तो मानवता भी संकट में आ जाती है.
इसलिए जिले के आज हर ब्लॉक में जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा पौधरोपण का कार्यक्रम भी किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमे
कानून को केवल दंड का उपकरण नहीं, बल्कि चेतना का प्रकाश भी मानना चाहिए. हम पर्यावरण कानूनों को केवल पुस्तकों में न पढ़ें, उन्हें अपने जीवन में उतारें,आज आवश्यकता है एक हरित क्रांति की. ऐसी क्रांति जो खेतों में नहीं, हमारे विचारों में हो. जो पेड़ को केवल लकड़ी नहीं, जीवन माने, जो नदियों को केवल पानी नहीं, आस्था समझे और जो पर्यावरण की रक्षा को केवल विकल्प नहीं, कर्तव्य माने. उन्होंने मीडिया से आग्रह करते हुए कहा कि
आप समाज की आवाज़ है. आज वह आवाज़ बुलंद कीजिए, जो पेड़ों की कटाई के विरुद्ध हो, जो जलस्रोतों के रक्षण के पक्ष में हो, जो जनमानस को पर्यावरण के लिए प्रेरित करे.
हमे इस पर्यावरण दिवस पर केवल भाषण नही, एक एक संकल्प लेना होगा कि हम पृथ्वी को केवल उपभोग की वस्तु नहीं, पूज्य माता मानेगे. जब तक धरती हरी है, तब तक जीवन हरा है. जब तक नदियाँ बहती हैं, तब तक हमारी संस्कृति बहती है, जब तक आकाश स्वच्छ है, तब तक हमारी चेतना स्वच्छ है. उन्होंने आह्वान करते हुए कहा कि उठिए, जागिए और प्रकृति की रक्षा में एक प्रहरी बनिए, यही सच्चा राष्ट्रधर्म है. इस मौके पर श्रम न्यायाधीश रमाकांत मिश्रा, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी सह प्रभारी सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार अभिजीत पाण्डेय ,रजिस्ट्रार आइ ज़ेड खान, सिविल जज एंजेलिना जॉन, डीएफओ विकास पालीवाल, एलएडीसीएस के डिप्टी चीफ अजय कुमार भट्ट , डालसा सहायक अरुण कुमार ,राजेश सिंह, हेमराज चौहान, सिविल कोर्ट के कर्मचारी, नगर निगम,व वन विभाग की टीम समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे.
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