पाकुड़ (PAKUR) : जिले के एकमात्र सरकारी बीएड कॉलेज के.के.एम. बीएड कॉलेज की मान्यता राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) द्वारा रद्द किए जाने से विद्यार्थियों में भारी आक्रोश है. छात्रों ने इसे अपने भविष्य के साथ अन्याय बताते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है.

जानकारी के अनुसार, NCTE द्वारा कॉलेज को मान्यता बरकरार रखने के लिए दो माह का समय दिया गया था, लेकिन विश्वविद्यालय और कॉलेज प्रशासन द्वारा समय रहते कोई ठोस पहल नहीं की गई. नतीजतन कॉलेज की मान्यता समाप्त कर दी गई, जिससे सैकड़ों विद्यार्थियों का शैक्षणिक भविष्य अधर में लटक गया है.

छात्रों ने जताई गहरी चिंता

जिला संयोजक सुमित पांडे ने कहा कि यह कॉलेज पाकुड़ जैसे पिछड़े और जनजातीय बहुल क्षेत्र में उच्च शिक्षा की उम्मीद लिए युवाओं का केंद्र रहा है. यहाँ के विद्यार्थी सीमित संसाधनों के बावजूद बीएड की पढ़ाई कर शिक्षा के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं. अब मान्यता रद्द होने से न केवल उनका सत्र प्रभावित हुआ है बल्कि शिक्षकीय सेवाओं में भागीदारी की संभावनाएं भी खत्म हो रही हैं.

ABVP ने उठाई आवाज, कुलपति से की हस्तक्षेप की मांग

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने मामले को गंभीरता से लेते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है. संगठन ने स्पष्ट किया कि जब तक मान्यता बहाल नहीं होती, वे शांत नहीं बैठेंगे.

जनप्रतिनिधियों पर भी सवाल

छात्र नेता अमित साहा ने कहा कि पहले से ही पाकुड़ में उच्च शिक्षा के संसाधनों की भारी कमी है. यहां पीजी और मेडिकल जैसी पढ़ाई की भी समुचित व्यवस्था नहीं है. ऐसे में एकमात्र बीएड कॉलेज की मान्यता रद्द होना बेहद चिंताजनक है. उन्होंने यह भी कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि जनप्रतिनिधि शिक्षा जैसे गंभीर मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं.

10 दिन का अल्टीमेटम, नहीं तो तालाबंदी

कॉलेज मंत्री दुलाल दास ने चेतावनी दी कि यदि 10 दिनों के भीतर मान्यता पुनः प्राप्त नहीं की गई, तो ABVP कॉलेज में अनिश्चितकालीन तालाबंदी करेगी. प्रदर्शन के दौरान गुंजन तिवारी, हर्ष भगत, संजय दत्ता, राहुल मिश्र, सागर रजक, बादल तिवारी, कमल समेत दर्जनों छात्र कार्यकर्ता उपस्थित रहे. यह सिर्फ कॉलेज की मान्यता का सवाल नहीं है, बल्कि पूरे जिले के युवाओं के भविष्य का मुद्दा है. अगर अब आवाज नहीं उठाई गई, तो आने वाले समय में शिक्षा पूरी तरह से गर्त में चली जाएगी.

रिपोर्ट: नंद किशोर मंडल