टीएनपी डेस्क(TNP DESK): इन दिनों जैसी हमारी लाइफस्टाइल हो चुकी है उस हिसाब से हमारे शरीर के किस अंग में कब कौनसी बिमारी हो जाए, ये कोई तो नहीं कह सकता. ऐसे में इन दिनों हमारे कान्टैक्ट में जो चीज सबसे ज्यादा आती है, वो है हमारे मोबाइल फ़ोन या इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स. ज्यादा स्क्रीन टाइम बिताने से न सिर्फ हमारे दिमाग बल्कि हमारी आंखों पर भी इसका बहुत असर पड़ता है. दरअसल इन दिनों बिजी जीवन में हमारे फ़ोन, हमारी ज़िंदगी का अभिन्न हिस्सा बन चुके है. ऐसे में औसतन हमारे देश में एक इंसान 7 से 9 घंटे स्क्रीन के संपर्क में रहता है, वहीं एक बच्चा औसतन 3 से 5 घन्टे तक स्क्रीन से जुड़ा हो सकता हैं. ऐसे में इन गैजेट्स पर ज्यादा समय बिताने से आपकी आंखों में जलन और तनाव हो सकत है, साथ ही  लंबे समय तक ये परेशानियां अगर रहती है तो इन समस्याओं से कोई बड़ी बिमारी भी आकार ले सकती है. 

अब जरूरी है इन आदतों को बदलना. साथ ही अगर आपका काम फोन या लैपटॉप के बगैर नही चल सकता तो जरूरी है अपनी आंखों का ख्याल रखना. आँखों का ख्याल रखने के लिए सबसे जरूरी है, स्मार्टफोन या टेबलेट का यूज करते वक्त लोग अपनी पलको को झपकाएं. स्क्रीन को लगातार देखते रहने से आँखों में नमी काम होती है और ड्रायनेस के कारण दिक्कत हो सकती है. इसलिए आँखों को सैफ रखने के लिए कोशिश करें कि आंखों को बीच-बीच में झपकाते रहें. अगर ज़्यादा समय के लिए कंप्यूटर स्क्रीन या मोबाइल का इस्तेमाल करना जरूरी है तब आप ऐसे लैंस लगाएं, जिनमें से ब्लू रेज कट कर सकें. आप रीडिंग ग्लासेस का भी इस्तेमाल कर सकते है. हालांकि इसके लिए एंटी ग्लेयर ग्लास या ब्लू कट लैंस अच्छा विकल्प है. इससे आंखों पर सीधी रोशनी पड़ने के बजाए कट होकर निकल जाती है. 

वहीं आप 20-20-20 नियम को भी अपना सकते हैं. अगर आप स्क्रीन को 20 मिनट तक लगातार देख रहे है तो एक ब्रेक लेकर, थोड़ी देर बाद 20 सेकंड के लिए कम से कम 20 फीट दूर ऐसी चीज देखे. कमरे में मीडिअम लाइट की व्यवस्था रखें, साथ ही कमरे के पर्दे बंद कर दें और फ्लोरोसेंट लाइटिंग का उपयोग कम से कम करें. 

कंप्यूटर और मोबाइल स्क्रीन पर ज्यादा देर समय बिता रहे तो यहां बताए गए छोटे-छोटे उपायों को करें. इससे आंखों में सूखेपन की समस्या और थकावट बहुत क हो जाएगी.