टीएनपी डेस्क(TNP DESK): जब भी देश में खेल और खिलाड़ियों की बात होती है तो सरकार की योजनाओं के साथ-साथ एक ऐसा नाम सबसे पहले नंबर पर आता है जो उद्योग के क्षेत्र में टॉप पर है ये कोई और नहीं बल्कि टाटा स्टील है. टाटा स्टील ने न केवल अपने उद्योग को पूरे विश्व भर में आगे बढ़ाया है बल्कि भारत में खेल और खिलाड़ियों को लेकर भी बड़े कदम उठाए है जो आज परिणाम के तौर पर हमें देखने को मिलते है. कई ऐसे खिलाड़ी है जिन्हें सरकार से जब कोई मदद या सहारा नहीं मिला तो टाटा स्टील ने उनकी मदद की और आर्थिक समर्थन देने के लिए नौकरीयां भी दी, इसके साथ, उनकी खेल की तैयारी को लेकर भी कई मदद की.
केवल स्टील नहीं खिलाड़ी भी बनाती है टाटा स्टील
टाटा स्टील केवल स्टील बनाने की फैक्ट्री या कंपनी नहीं है बल्की ये अपने मुनाफ़े के कुछ हिस्सा को सामाजिक कार्यों में लगाती है जिसमे सबसे पहले नंबर पर खेल और खिलाड़ियों को प्रथमिकता दी जाती है. जिन लोगों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होती है या सरकार उनकी मदद नहीं करती है वैसे लोगों की मदद के लिए सबसे पहले टाटा स्टील आगे आता है.दूसरे शब्दों में आप यह भी कह सकते हैं कि टाटा स्टील देश के खेल में रीढ़ की हड्डी है जो कभी भी खेल और खिलाड़ियों को झुकने नहीं देती है और इस वजह से कई खिलाड़ी ऐसे हैं जो जो अपनी मेहनत और टाटा स्टील की मदद से विश्व पटल पर चमक रहे है.
टाटा स्टील की बदौलत सैकडों खिलाड़ियों ने बनाई है अपनी पहचान
ऐसे खिलाड़ियों में सबसे पहला नाम तीरंदाजी के क्षेत्र में दीपिका कुमारी और झारखंड की झानू हांसदा जैसे खिलाड़ी का आता है. जिन्होनें टाटा स्टील की मदद और उसकी बदौलत से ही विश्व में अपनी पहचान बनाई.दीपिका कुमारी को पूरी दुनिया भर में लोग जानते होंगे लेकिन जब उनकी कोई पहचान नहीं थी और वह मदद के लिए यहां वहां भटक रही थी तो टाटा स्टील ने उनकी मदद की थी.दीपिका के अंदर टाटा स्टील ने एक ललक और उत्साह देखा था जो खिलाड़ी के अंदर होनी चाहिए. इस को देखते हुए टाटा स्टील ने उन्हें आगे बढ़ाने का काम किया और दीपिका कुमारी अपनी मेहनत की बदौलत आगे बढ़ी और अपना मुकाम हासिल किया.
खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय सुविधा देती है टाटा स्टील
ऐसा नहीं है कि सिर्फ तिरंदाजी में ही टाटा स्टील ने अपना योगदान दिया हो इसके साथ अन्या खेलो जैसेहॉकी,फुटबॉल,एथलेटिक्स, के साथ दुसरे खेलों में भी Tata Steel का योगदान ऐतिहासिक है.अगर आज लौहनगरी जमशेदपुर स्पोर्ट्स हब के नाम से जाना जाता है तो इसके पीछे कोई और नहीं बल्की टाटा स्टील का योगदान ही है.टाटा स्टील जब से स्थापित हुई है इसने अपने विकास के साथ-साथ जमशेदपुर के विकास और देश के बारे में सोचा है यहीं वजह है कि खेल और खिलाड़ियों के लिए पहले से ही यहां कंपनी की ओर से खेलों के लिए स्टेडियम, कोचिंग सुविधाएँ,ट्रेनिंग सेंटर और इंटरनेशनल लेवल का इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद है.
खिलाड़ियों के उत्साह और लगन को देखती है कंपनी
आज हम सैकड़ो ऐसे खिलाड़ियों के नाम गिनवा सकते हैं जिन पर सरकार ने ना तो ध्यान दिया और ना ही उन्हें मदद की कोशिश की लेकिन टाटा स्टील कंपनी ऐसी है जिसने ऐसे खिलाड़ियों का बुरे वक्त में साथ दिया और उन्हें कदम से कदम मिलाकर दुनिया के साथ चलने के लिए प्रेरित किया और उनकी मदद की.यादी टाटा स्टील ने झारखंड के खिलाड़ियों पर विश्वास नहीं दिखाया होता, उनके हुनर को नहीं देखा होता तो आज शायद विश्व भर में झारखंड से बहुत कम ही खिलाड़ी निकल पाते और अपनी पहचान बना पाते लेकिन टाटा स्टील की दूर दृष्टि ने वह कर दिखाया जो सरकार ने करने में काफी देरी कर दी.
खेल को लेकर काफी साफ है टाटा स्टील का विजन
टाटा स्टील अपने मुनाफ़े के साथ-साथ अन्य विजन भी साफ रखती है. टाटा स्टील अपने कर्तव्यों के प्रति हमेशा सजग रहती है कि हमेशा से वह झारखंड और देश के खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने की कोशिश करती है. जब भी आप झारखंड के खिलाड़ियों को विश्व के किसी देश में जिताते हुए देखते हैं तो जोरदार तालियां बजाते हैं लेकिन इन तालियों की गड़गड़ाहट के पीछे जो सबसे बड़ी वजह है वह टाटा स्टील है क्योंकि कोई भी खिलाड़ी जो आगे बढ़ना चाहता है या उसके अंदर कोई टैलेंट है तो टाटा स्टील उसको जरूर मदद करती है.आगे से जब भी आप किसी झारखंड के खिलाड़ी को जीतते हुए देखें तो खिलाड़ियों के साथ-साथ एक ताली टाटा स्टील के लिए भी जरूर बजाएं.टाटा स्टील का नाम देश के खेल और खिलाड़ियों के लिए जो योगदान दिया है वह कभी भुलाया नहीं जा सकता आज भी टाटा स्टील लगातार काम कर रही है.
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