सिवान(SIWAN): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 जून को सिवान जिले के जसौली गांव में विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे. यह तीन महीने में उनका तीसरा बिहार दौरा और इस साल का चौथा दौरा है, जिससे स्पष्ट है कि चुनावी वर्ष में बीजेपी-एनडीए पूरी ताक़त झोंकने के मूड में है.

7,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा की परियोजनाएँ: 
रैली के मंच से प्रधानमंत्री करीब ₹ 7,000–9,500 करोड़ की 40 से अधिक विकास योजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन करेंगे. 

जिनमें मुख्य घोषणाएँ ये हो सकती है:
₹ 7,170 करोड़ की जलापूर्ति एवं सीवरेज-ट्रीटमेंट परियोजनाएँ, जिनमें 22 शहरों को फायदा मिलेगा और 8 नए एसटीपी चालू होंगे. 
राम-जानकी पथ एवं शहरी विकास विभाग (UDHD) की कई सड़क-और नगरीय योजनाएँ. 
संभावित तौर पर वंदे भारत ट्रेन (पटना-गोरखपुर रूट) का वर्चुअल उद्घाटन और मरहौरा डीज़ल लोको फैक्टरी से पहली अफ़्रीकी निर्यात खेप को हरी झंडी. 
इनमें से कुछ योजनाओं का कुल मूल्य ₹ 9,519 करोड़ तक पहुँचता है, जैसा कि स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने तैयारियों की समीक्षा बैठक में बताया.

शाहाबुद्दीन के पुराने गढ़ में सियासी अखाड़ा:
सिवान कभी बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन का गढ़ रहा और यहाँ मुस्लिम-यादव मतदाताओं का प्रभुत्व है. 2020 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन ने आठ में से छह सीटें जीत कर अपना वर्चस्व दिखाया था.                   

बीजेपी का लक्ष्य:
सवर्ण एवं अति-पिछड़ा वर्ग को साधना. 
सिवान-सारण-गोपालगंज के 24 विधानसभा क्षेत्रों में एनडीए की पकड़ मजबूत करना. 
दल के रणनीतिकारों के मुताबिक, “यह रैली एतिहासिक होगी—एक-एक कार्यकर्ता जी-जान से जुटा है. 

मंच पर महागठबंधन-विरुद्ध एनडीए का शक्ति-प्रदर्शन:
प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, लोजपा (RV) प्रमुख चिराग पासवान, HAM के जीतन राम मांझी, RLM के उपेन्द्र कुशवाहा तथा उपमुख्यमंत्रियों सम्राट चौधरी व विजय सिन्हा मौजूद रहेंगे. 

सुरक्षा और लॉजिस्टिक्स पर कड़ी नज़र:
सिवान प्रशासन ने रैली को हाई-सिक्योरिटी इवेंट घोषित किया है. 25 राज्य प्रादेशिक सेवा के अधिकारी, ड्रोन-सीसीटीवी सर्विलांस, और बहुस्तरीय बैरिकेडिंग. 
भीड़ प्रबंधन, ट्रैफिक डायवर्ज़न, मेडिकल-इमरजेंसी टीमों की तैनाती.