रांची (RANCHI) : मेधासूची जारी करने को लेकर पंचायत सचिव अभ्यर्थियों का आंदोलन पांच दिनों से राजभवन के समीप जारी है. अब इस आंदोलन को और मजबूत करने को लेकर अभ्यर्थियों के अभिभावक भी शामिल होंगे.
क्या है मामला
पंचायत सचिव और लिपिक अभ्यर्थियों ने 2017 में लिखित परीक्षा दी थी. इसमें 3088 पदों पर नियुक्ति होनी थी. लेकिन पांच सालों में अंतिम मेधासूचि जारी नही हुई. इसके विरोध में लगातार अभ्यर्थियों का आंदोलन और प्रदर्शन चल रहा है. अभ्यर्थी जूही और गुलाम ने बताया कि पंचायत सचिव की नियुक्ति पर हाई कोर्ट का तीन-तीन आदेश प्राप्त हुआ है, उसके बाद भी झारखंड कर्मचारी चयन आयोग कोर्ट के आदेश पर कोई अमल नहीं कर रहा है. 5 फरवरी 2021 को झारखंड सरकार ने झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश को लागू करते हुए गैर-अनुसूचित जिले की नियुक्ति पर झारखंड सरकार ने संशोधित संकल्प संख्या 3854 दिनांक 01-6-2018 और संकल्प संख्या 8468 दिनांक 20-11-2018 100% आरक्षण होने की वजह से वापस ले लिया है. अभ्यर्थी गुलाम ने कहा कि हेमन्त सरकार अपने किए वादे को भूल रही है. उन्होंने कहा कि चुनावी वादों में भी हेमन्त सोरेन ने पंचायत सचिव की मेधसूची जारी करने का आश्वासन दिया था.
अब अभिभावक आएंगे आगे
अभिभावक अरुण कुमार ने कहा कि सरकार अगर बात नहीं मानती तो आंदोलन उग्र भी हो सकता है. मंगलवार से सभी अभिभावक इस आंदोलन में शामिल होने रांची पहुँच रहे हैं. साल 2017 में 3088 पदो के लिए पंचायत सचिव और लिपिक पद के लिए बहाली आई थी, फिर भी अंतिम मेधा सूची जारी करने को लेकर झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के ओर से अनावश्यक देरी की जा रही है.
रिपोर्ट: समीर हुसैन, रांची

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