रांची (RANCHI) : राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेताओं से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया. कार्यक्रम में रांची जिला के सोनाहातू प्रखंड की सविता कुमारी भी अपने माता-पिता, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी शत्रुजंय कुमार और सीडीपीओ के साथ थी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कार्यक्रम के दौरान ब्लॉकचौन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके वर्ष 2022 और 2021 के लिए पीएमआरबीपी पुरस्कार विजेताओं को डिजिटल प्रमाणपत्र प्रदान किए. 

अब जिम्मेदारी बढ़ी, नहीं लेना है दबाव-पीएम

पीएम मोदी ने इस दौरान बच्चों से कहा कि पुरस्कारों के साथ आपको जिम्मेदारी भी मिली है. अब हर किसी की आपसे अपेक्षा भी बढ़ गई है. उन्होंने कहा कुछ भी हो आपको दबाव नहीं लेना है. इन सब से प्रेरणा लेनी है. पीएम ने कहा कि आजादी की लड़ाई में वीर बाला कनकलता बरुआ, खुदीराम बोस जैसे वीरों का ऐसा इतिहास है जो गर्व से भर देता है. इन सेनानियों ने छोटी उम्र में ही देश की आजादी को अपने जीवन का मिशन बना लिया था. उसके लिए खुद को समर्पित कर दिया था, आप सबको भी इन्हीं की तरह कार्य करने हैं.

सविता कुमारी के बारे में जानिए

अक्षय प्रसाद गंझू और किरण देवी की सुपुत्री टंगटंग गांव, सोनहातू की रहनेवाली हैं. कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में पढ़ते हुए सविता ने पहली बार 2014 में तीरंदाजी प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था. 2018-19 में सविता का चयन खेलो इंडिया स्कीम में हुआ. इसी साल नई दिल्ली में पहले खेलो इंडिया स्कूल गेम्स आर्चरी चौंपियनशिप 2018-19 में सविता को चौथा रैंक मिला. साल 2017-18 मं छत्तीसगढ़ में आयोजित 63वें स्कूल नेशनल आर्चरी चैंपियनशिप में ब्रांज जीतनेवाली टीम का हिस्सा थी सविता.  2018-19 में आंध्रप्रदेश में आयोजित मिनी सब जूनियर आर्चरी चौंपियनशिप में सविता ने टीम गोल्ड जीता.बांग्लादेश  ढाका में 2018-19 साउथ एशियन आर्चरी चौंपियनशिप में गोल्ड जीतनेवाली टीम का सविता हिस्सा रहीं.  प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए खेल में क्षेत्र में झारखंड से चयनित सविता कुमारी को जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, रांची शत्रुजंय कुमार एवं डीआईओ शिवचरण बनर्जी ने जिला प्रशासन की तरफ से सम्मानित किया.उन्होंने कहा कि जिला में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ सप्ताह चल रहा है और इस दौरान सविता ने जो उपलब्धि हासिल की है वो हमारे लिये गौरव की बात है. 

देशभर से 29 बच्चों को मिला पुरस्कार

इस वर्ष विभिन्न श्रेणियों के तहत देशभर से 29 बच्चों को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार पुरस्कार के लिए चुना गया है. पुरस्कार विजेता हर साल गणतंत्र दिवस परेड में भी भाग लेते हैं. पीएमआरबीपी के प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक पदक, एक लाख रुपये का नकद पुरस्कार और एक प्रमाण पत्र दिया जाता है. प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार भारत में रहने वाले 5 वर्ष से अधिक और 18 वर्ष तक के बच्चों को नवाचार, शैक्षणिक उपलब्धि, खेल, कला एवं संस्कृति, समाज सेवा और बहादुरी जैसे 6 क्षेत्रों में असाधारण क्षमता और उत्कृष्ट उपलब्धि हासिल करने पर एक मान्यता के तौर पर दिया जाता है.