रांची(RANCHI): पंचायत सचिव अभ्यर्थियों की मांग को समर्थन करते हुए आजसू छात्र संघ ने झारखंड के सभी जिलों के उपायुक्त के माध्यम से राज्यपाल के नाम का ज्ञापन दिया है. वहीं रांची जिला कमिटी ने राज्यपाल सचिवालय को ज्ञापन दिया हैं.
आजसू छात्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष गौतम सिंह ने कहा कि 90 प्रतिशत अभ्यर्थी खातियानधारी फिर भी पंचायत सचिव एवं लिपिक नियुक्ति प्रक्रिया रद्द होना चिंतनीय है.इस मामले में सरकार को दोबारा विचार करना होगा.नहीं तो आजसू राज्य भर में आंदोलन करने को बाध्य होगा.
पंचायत सचिव और निम्नवर्गीय लिपिक का विज्ञापन मई 2017 में जीएसएससी ने कुल 3088 पदों के लिए प्रकाशित किया था. जिसकी लिखित परीक्षा 2018 के जनवरी-फरवरी माह में विभिन्न तिथियों में आयोजित की गई थी. लिखित परीक्षा में उतीर्ण वैसे सभी अभ्यर्थियों का कंप्यूटर ज्ञान एवं हिंदी टंकण परीक्षा लिया गया था, जिसमें उतीर्ण 4948 अभ्यर्थियों का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन 2019 में ही पूरी कर ली गई थी.लेकिन सरकार ने 2022 में इस नियुक्ति को रद्द कर दिया.जिसके बाद से पंचायत सचिव अभ्यर्थि लगातार आंदोलन कर रहे हैं.
आजसू छात्र नेता अभिषेक शुक्ला ने कहा कि खुद को झारखण्डी कहने वाली सरकार असल में झारखण्ड विरोधी है. जबसे यह सरकार सत्ता में आयी झारखण्ड विरोधी कार्य कर रही है. अखिल झारखण्ड छात्र संघ (आजसू) के प्रदेश उपाध्यक्ष नीरज वर्मा ने कहा कि राज्य के युवा नौकरी की बाट जोह रहे थे. ऐसे में सरकार द्वारा संबंधित विज्ञापन को निरस्त किया जाना छात्र विरोधी और अन्यायपूर्ण है.विज्ञापन के निरस्त होने से अभ्यार्थियों में आक्रोश और निराशा है. सरकार द्वारा घोषित नियुक्ति वर्ष से छात्रों को उम्मीद थी, लेकिन छात्रों के प्रति सरकार के छात्र विरोधी नीति ने सूबे में सरकार के प्रति लोगों के बीच अविश्वास का माहौल बना दिया है. रांची में ज्ञापन देने वालों में जिला से प्रदेश उपाध्यक्ष नीरज वर्मा , अभिषेक शुक्ला, मोहित पांडे, अभिषेक झा, आशुतोष कुमार, बबलू महतो, अर्पित राज सहित दर्जनों कार्यकर्ता शामिल थे.
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